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किसान आंदोलन: भाजपा नेताओं का किसान करेंगे हुक्का-पानी बंद, भाकियू टिकैत गुट ने चलाया अभियान

अशाेक यादव, लखनऊ। मुरादाबाद मंडल के गांव-गांव में जल्द ही ऐसे बैनर और होर्डिंग लगे हुए दिखाई देंगे, जिनमें भाजपा नेताओं की गांव में नो एंट्री की सूचना दर्ज होगी। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) 23 फरवरी से ऐसा ही अभियान चलाने जा रहा है। किसान नेता भी गांव-गांव पहुंच कर किसानों से कहेंगे कि भाजपा नेताओं की गांव में एंट्री न होने दें।

नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को लेकर भाजपा सरकार मनमानी कर रही है उन्हें सबक सिखाएं। उनके साथ उठे-बैठे नहीं और उन्हें अपने परिवार की दावत में भी न बुलाएं। भाजपा संगठन किसानों को मनाने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं को गांवों में भेज जा रहा है, जबकि किसान 23 फरवरी से भाजपा नेताओं का हुक्का-पानी बंद करने को अभियान चलाने जा रहे हैं।

भाकियू (अराजनैतिक) के नेताओं ने अपने अभियान का प्लान तैयार किया है। इसमें संगठन के पदाधिकारी अलग-अलग क्षेत्र बांट कर मुहिम में उतरेंगे। भाकियू के प्रदेश सचिव डा. नौ सिंह ने बताया कि 23 फरवरी से सभी प्रमुख पदाधिकारी भाजपा नेताओं की गांवों में एंट्री बंद करेंगे।

गांवों में बोर्ड लगा कर उन्हें रोकने के लिए फरमान जारी होगी। गांवों के एंट्री प्वाइंट पर भाजपा नेताओं की एंट्री बैन करने संबंधी होर्डिंग और बैनर भी लगाए जाएंगे। यूनियन के पदाधिकारी इसके लिए अपनी यूनियन के नेताओं की लिस्ट बनाएंगे गांव तय होंगे और मुहिम चला कर भाजपा नेताओं का हुक्का-पानी बंद किया जाएगा। किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि भाजपा अपने नेताओं को किसानों के बीच भेजने की बात कह रही है हम उनका विरोध करेंगे। चुनाव में भी विरोध करेंगे। तीनों कृषि कानूनों की वापसी कराने के लिए भाजपा नेताओं का बहिष्कार करेंगे, जिससे उन्हें अहसास हो कि जो निर्णय लिया गया है वह किसानों के हित में नहीं है।

भाकियू असली अलग से एक मुहिम चला रही है। इसमें कहा गया है कि वह गांवों में आने वाले नेताओं से लिखवा कर लेंगे कि वह नए कृषि कानूनों के समर्थन में हैं अथवा विरोध में हैं। जो भी नेता नए कृषि कानूनों का समर्थन करेगा उसे गाव में नहीं घुसने देंगे। जो नेता नए कृषि कानूनों का विरोध करेगा वह हमारे साथ होगा और उसका स्वागत किया जाएगा।

भाकियू असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह ने इस सिलसिले में अपने नेताओं से कहा है कि वह इस काम में जुट जाएं। पंचायत चुनाव के दौरान तमाम नेता आएंगे उनसे केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लागू किए तीनों कृषि कानूनों के संबंध में बात करें। वह किसानों का साथ दें तभी हम उनका साथ देंगे। इसके लिए हर जगह मुहिम चलेगी। उन्होंने कहा कि किसान अब दो टूक बात करेगा और नेताओं से जवाब मांगेगा।

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