एमेनोरिया महिलाओं की एक ऐसी समस्या है, जिसमें पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं। हालांकि यह स्थिति मेनोपॉज और प्रेगनेंसी से बिल्कुल अलग है लेकिन बावजूद इसके महिलाओं को इस समस्या के बारे में कम जानकारी है। इसके कारण उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए महिलाओं को इसके बारे में पता होना बहुत जरूरी है। सबसे पहले तो आप यह जान ले कि एमेनोरिया बांझपन या मेनोपॉज से संबंधित नहीं है। समान्य रूप से लड़कियों में मासिक धर्म 14 से 16 साल में शुरू हो जाते हैं। पर अगर ऐसा न हो तो इसका मतलब कि उसे एमेनोरिया की समस्या है।
किन महिलाओं को होती है अधिक समस्या?
कई महिलाओं में देखा जाता है की वो कम खाना खाती हैं। या खाने के बाद अक्सर उल्टी कर देती हैं। इसके अलावा जो महिलाएं साइक्लोजिकल स्ट्रेस में रहती हैं। उन्हें एमेनोरिया होने के चांस ज्यादा होते हैं। इसके आलावा ब्रेन ट्यूमर, यूट्रस और वजाइना में कोई डेवलॉपमेंट डिफेक्ट, लम्बे समय तक कोन्ट्रसेप्टिव लेने की वजह से भी एमेनोरिया हो सकता है। साथ ही एथलिट महिलाओं को भी एमेनोरिया हो सकता है।
बीमारियों का संकेत होता है पीरियड्स न आना
कई महिलाएं गर्भवती या मेनोपॉज होने के बगैर भी अपने 3 या 4 से अधिक पीरियड्स को मिस कर देती हैं। ऐसी स्थिति अनेक प्रकार की समस्याओं की ओर संकेत दे सकती है, जैसे- थायराइड, पिट्यूटरी ट्यूमर, पीसीओएस आदि। इतना ही नहीं, इसके कारण बांझपन या ऑस्टियोपोरोसिस रोग का खतरा भी बन सकता है।
मेनोपॉज से कैसे अलग है यह बीमारी?
जिन महिलाओं ने कम से कम 3 पीरियड्स मिस किए हो, उन्हें एमेनोरिया की शिकायत होती है। यह मेनोपॉज या प्रेगनेंसी से इसलिए अलग है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान, मासिक धर्म बंद हो जाता है और स्तनपान के दौरान भी पीरियड्स का रुकना आम बात है। वहीं मेनोपॉज शुरू होते ही पीरियड पूरी तरह से रुक जाते हैं। जबकि एमेनोरिया का सही इलाज होने पर पीरियड्स रेगुलर हो जाते हैं।एमेनोरिया के प्रकार
-प्राइमरी एमेनोरिया वह समस्या है जिसमें 16 साल की उम्र तक पीरियड्स शुरू ही नहीं होते। ऐसे में आपको डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए। जेनेटिक या प्राइवेट पार्ट से संबंधित परेशानियों के कारण प्राइमरी एमेनोरिया की समस्या हो सकती है।
-सेकेंडरी एमेनोरिया तब होता है, जब पीरियड्स शुरू तो हो जाते हैं लेकिन 3 या अधिक महीनों के बाद ही बंद भी हो जाते हैं। यह समस्या अंडरएक्टिव थायराइड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण होती है।
एमेनोरिया के लक्षण
एब्सेंस ऑफ मेंस्ट्रुएशन या एमेनोरिया का सबसे पहला लक्षण तो 3 बार पीरियड्स मिस होना ही है। इसके अलावा इसमें कुछ और लक्षण भी दिखाई देते हैं जैस-
. निप्पल डिस्चार्ज
. स्तन के आकार में बदलाव
. योनि का सूखापन
. बाल झड़ना
. सिरदर्द होना
. वजन बढ़ना या कम होना
. धुंधला दिखाई देना
. चेहरे पर बाल आना
. आवाज में बदलाव
. पेल्विक पेन
. बार-बार मुंहासे होना
कब जरूरी है डॉक्टर को दिखाना?
अगर कोई महिला लगातार 3 पीरियड्स मिस करती है या 16-17 तक उनके पीरियड्स शुरू नहीं होते तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। अगर एमेनारिया का समय के रहते इलाज न किया जाए तो यह हार्मोनल इम्बेंलेंस, ओस्टियोपोरोसिस, मानसिक तनाव, इनफर्टिलिटी, यूट्रस कैंसर और हार्ट से सम्बधिंत समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में एमेनोरिया का पता चलते ही समय से इलाज कराना बहुत जरूरी है।
एमेनोरिया की वजह से रुक जाते हैं पीरियड्स, जानिए किन महिलाओं को होती है दिक्कत?
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