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एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करने से महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा

महिलाएं अक्सर सिरदर्द, पेटदर्द या बुखार होने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए कोई भी एंटीबायोटिक दवाई ले लेती हैं। अगर आप भी एंटीबायोटिक का सेवन करती हैं तो जरा संभल जाएं। हाल में हुए अध्ययन के मुताबिक, जो महिलाएं लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाएं लेती हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन सेहत से जुड़ी और भी कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
40-60 साल की उम्र वाली महिलाओं को अधिक खतरा
अध्ययन में पाया गया कि 40-60 या उससे अधिक उम्र की महिलाएं जो 2 महीने या उससे अधिक समय तक एंटीबायोटिक ले रहीं हैं उनमें दिल के रोगों और स्ट्रोक का खतरा 32% ज्यादा होता है। हालांकि 20-39 साल की उम्र वाली महिलाओं में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से जोखिम बढ़ने का कोई संकेत नहीं मिला है।
क्यों खतरनाक है एटीबायोटिक?
एंटीबायोटिक के गलत इस्तेमाल से बैक्टीरिया प्रतिरोधी बन जाते हैं। ये बैक्टीरिया मनुष्यों और जानवरों को संक्रमित कर सकते हैं। गैर-प्रतिरोधी बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से उनका इलाज कठिन हो जाता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध, इसके दुरुपयोग और बहुत ज्यादा उपयोग से भी तेज होता है।
कब लेना है ज्यादा खतरनाक?
एंटीबायोटिक दवाएं सेहत के लिए घातक नहीं हैं लेकिन यह 2 स्थितियों में नुकसानदाई हो जाती हैं। पहला तब जब आप इन्हें बिना जरूरत के सेवन करें और दूसरा इन्हें यदि आप लंबे समय तक इस्तेमाल करते रहें।एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट्स
पेट से जुड़ी समस्याएं
अधिक एंटीबायोटिक लेने से आपको पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इससे डायरिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। साथ ही इससे प्रो-इंफेक्शन इम्यूनिटी विकसित हो सकता , जिससे शरीर में हुआ इंफेक्शन जल्दी ठीक नहीं होता।
गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक
शोध में बताया गया है कि प्रेग्नेंसी के समय में किसी भी एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन मां और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। यह दवाइयां अंदर जाकर भ्रूण को हार्म करती हैं, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
नहीं हो पाता बच्चे का विकास
प्रेग्नेंसी के दौरान इन दवाइयों का सेवन करने से बच्चे का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता। इसके अलावा इससे बच्चे की आंत के साथ-साथ पेट में भी सूजन आ सकती है।
इम्यून सिस्टम को करता है कमजोर
इन दवाइयों का सेवन इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे आप बार-बार खांसी, बुखार, फ्लू या साइनसाइटिस मूल जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाती है।
वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन
अधिक और लंबे से इन दवाइयों का सेवन महिलाओं में वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा देता है। ऐसे में जितना हो सके इन दवाइयों से दूर रहें।
एलर्जिक रिएक्शन
इनसे आप फोटोडर्माटाइटिस, एनाफिलिक्स जैसी एलर्जी की चपेट में भी आ सकती हैं। इतना ही नहीं, इसका अधिक सेवन किडनी स्टोन का कारण भी बन सकता है।
खून के थक्के बनना
अगर आप लंबे समय से इन दवाइयों का सेवन कर रही हैं तो इससे शरीर में खून के थक्के बनने की शिकायत हो सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लिए बिना इनका सेवन ना करें और अगर दवा ले रहीं है तो कोई प्रोबायोटिक फूड खाएं।
दिमाग पर भी डालती है असर
शोध के मुताबिक, जो महिलाएं लंबे समय तक एटीबायोटिक्स लेती हैं उनमें डिप्रेशन व तनाव का खतरा भी अधिक होता है क्योंकि यह दवाएं दिमागी कोशिकाओं पर भी असर डालती हैं। इनता ही नहीं, इससे समय से पहले अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
एंटीबायोटिक लेने से पहले रखें ध्यान
-डॉक्टर की सलाह से ही एंटीबायोटिक दवा लें क्योंकि वह बीमारी के अनुसार ही दवा देते हैं।
-एंटीबायोटिक दवा लेने का समय भी बहुत जरूरी होता है इसलिए डॉक्टर से सलाह लेकर दवाई लें।
-डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करें, नहीं तो कुछ बैक्टीरिया बचे रह जाते हैं और दोबारा इंफैक्शन पैदा कर सकते हैं।
-इन दवाइयों के साइड-इफैक्ट्स को कम करने के लिए आप प्रोबॉयोटिक्स ले सकते हैं। इसके लिए दही को अपनी डाइट में शामिल करें।

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