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उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर

अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तराखंड में एक के बाद एक ताबड़तोड़ बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर आ गया है। शासन ने सभी जिलों को  हर परिस्थिति के लिए खुद को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।

सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड समेत सभी सुविधाओं को अपडेट रखने पर जोर दिया गया है। अभी तक राज्य में सिर्फ देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर, नैनीताल में ही कोरोना के मरीज सामने आ रहे थे। 

यहां बीमारी से निपटने के काफी इंतजाम भी मौजूद हैं। अब स्थिति एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह बदल गई है। टिहरी, बागेश्वर, पौड़ी, उत्तररकाशी, चंपावत और पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों में भी तेजी के साथ कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

जबकि यहां बीमारी से निपटने के इंतजाम बहुत बेहतर स्थिति में नहीं हैं। नैनीताल डीडी पांडे अस्पताल में चार आईसीयू बेड और एक वेंटिलेटर और एक बाईपैप मशीन है।

रुद्रप्रयाग में छह आईसीयू बेड, एक वेंटिलेटर, एक बाईपैप मशीन, चमोली में छह आईसीयू बेड, तीन वेंटिलेटर, पांच बाईपैप, चंपावत में छह आईसीयू, तीन वेंटिलेटर, दो बाईपैप हैं।

दूसरी ओर, पिथौरागढ़ में छह आईसीयू, तीन वेंटिलेटर, दो बाईपैप, पौड़ी में चार आईसीयू, एक वेंटिलेटर, एक बाईपैप मशीन, अल्मोड़ा में दो वेंटिलेटर हैं। जबकि अब इन्हीं जिलों में तेजी के साथ मरीज बढ़ रहे हैं।

बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, यूएसनगर, टिहरी, उत्तरकाशी जिला अस्पताल, अल्मोड़ा बेस अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज, मेला अस्पताल हरिद्वार, सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज हल्द्वानी, बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल, कोटद्वार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज

प्रवासियों की वापसी के कारण मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। संख्या अधिक होने का एक कारण तेजी के साथ बढ़ते टेस्ट का भी होना है। हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

सभी अस्पतालों को उनकी जरूरत के लिहाज से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों के साथ ही जरूरत पड़ने पर प्राइवेट अस्पतालों का भी इस्तेमाल होगा। आइसोलेशन बेड पर्याप्त संख्या में हैं। 

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