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अफगानिस्तान संकट: काबुल से अपने राजदूत और दूतावास को वापस ला रहा है भारत

नई दिल्ली। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगान राजधानी में पैदा हुए मौजूदा हालात के मद्देनजर अफगानिस्तान में स्थित भारत के राजदूत और दूतावास के करीब 120 कर्मियों को भारतीय वायुसेना के सी-17 मालवाहक विमान के जरिए काबुल से मंगलवार को स्वदेश वापस लाया जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि यह फैसला किया गया है कि काबुल में भारत के राजदूत और उनके भारतीय कर्मियों को मौजूदा हालात के मद्देनजर तत्काल देश वापस लाया जाएगा। बागची ने ट्वीट किया, ”मौजूदा हालात के मद्देनजर, यह फैसला किया गया है कि काबुल में हमारे राजदूत और उनके भारतीय कर्मियों को तत्काल भारत लाया जाएगा।”

भारतीय वायुसेना का सी-17 परिवहन विमान सोमवार को अफगानिस्तान से कुछ कर्मियों को लेकर भारत लौटा था और मंगलवार को दूसरा विमान भारत आ रहा है। ऊपर उद्धृत लोगों ने बताया कि दूतावास के भारतीय कर्मियों को दूसरी उड़ान के जरिए वापस लाया जा रहा है। अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के गिर जाने और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।

तालिबान ने 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका नीत सेना के अफगानिस्तान में आने के 20 साल बाद फिर से देश पर कब्जा कर लिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ”मैं काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा हूं। भारत लौटने के इच्छुक लोगों की घबराहट समझता हूं। हवाईअड्डा संचालन मुख्य चुनौती है। इस संबंध में साझेदारों के साथ विचार-विमर्श जारी है।”

जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे के लिए न्यूयॉर्क में हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ”(अमेरिका के विदेश मंत्री) ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान में ताजा घटनाक्रमों पर चर्चा की। हमने काबुल में हवाईअड्डा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। हम इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, ”अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आज महत्वपूर्ण चर्चा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को जताया। संयुक्त राष्ट्र में मेरे कार्यक्रमों के दौरान इन पर चर्चा की उम्मीद है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार काबुल में सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं के लगातार संपर्क में है।

जयशंकर ने कहा, ”काबुल में हालात के मद्देनजर, यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास वहां भारतीयों के बारे में सटीक जानकारी हो। अपील की जाती है कि सभी संबंधित लोग इस बारे में विदेश मंत्रालय के विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ को सूचना मुहैया कराएं।”

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