Breaking News

अगर नरेंद्र मोदी दोबारा चुनाव जीतते हैं तो मुझे जेल भिजवा देंगे या गोली मरवा देंगे -शरद यादव

बिहार: लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) के नेता शरद यादव ने कहा है कि इस चुनाव में उनकी जान को खतरा है. शरद यादव ने यह भी कहा, ‘नरेंद्र मोदी अगर दोबारा चुनाव जीतते हैं तो मुझे जेल भिजवा देंगे या गोली मरवा देंगे’. शरद यादव पूर्व में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं लेकिन बाद में कुछ मतभेदों के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और महागठबंधन का हिस्सा बन गए. इस लोकसभा चुनाव में वे मधेपुरा से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब शरद यादव ने इस प्रकार का विवादित बयान दिया है. पिछले साल दिसंबर में उन्होंने राजस्थान चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर बहुत ही फूहड़ तंज कसते हुए कहा था कि “वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं, बहुत मोटी हो गई हैं, पहले पतली थीं. हमारे मध्य प्रदेश की बेटी हैं.”

पिछले सालभोपाल के गांधी भवन में आयोजित लोकक्रांति सम्मेलन में शरद यादव ने कहा था कि आज कोई शरद यादव जीत सकता है क्या? आज सारे पैसे वाले लोग टिकट मांग रहे हैं. आज कोई जय प्रकश, लोहिया, अंबेडकर चुनाव जीत सकता है क्या? ये जो मामा है गपोड़ी है, झोला लेकर घूम रहा है. शरद ने कहा, “एक झूठ बोलने वाला दिल्ली में है. वो रात को भी सोता है कि नहीं, पता नहीं. कहता है 56 इंच का सीना है..अरे तो पहलवान है क्या है? वहीं मध्य प्रदेश में 15 साल से गपोड़ी राज है.” आपको बता दें कि लोजद के कद्दावर नेता शरद यादव की पार्टी के बारे में कहा जा रहा है कि चुनाव बाद उसका आरजेडी में विलय हो सकता है. फिलहाल शरद यादव लालटेन निशान पर चुनाव लड़ रहे हैं.

मधेपुरा उनकी जानी मानी सीट है और यहां से वे लंबे वक्त तक सांसद रह चुके हैं. मधेपुरा में जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के नेता पप्पू यादव भी कई बार चुनाव जीत चुके हैं. इस सीट पर असली लड़ाई इन्ही दोनों नेताओं के बीच रही है. पूर्व में शरद यादव की पार्टी लोजद का उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी में विलय की खबरें आती रही हैं लेकिन शरद यादव ने इससे इनकार किया है. इस बारे में शरद  यादव कह चुके हैं कि उनकी पार्टी और रालोसपा के विलय की खबर कहीं से सही नहीं है. ये मनगढ़ंत कहानियां हैं, जो स्वार्थी लोगों ने बनाई हैं. इस दिशा में कोई चर्चा भी नहीं हुई है.

गौरतलब है कि दोनों दलों में विलय की खबर के कयास लगाए जाते रहे हैं. दोनों दलों के नेताओं ने भी इस बात के कई मौकों पर संकेत भी दिया था. गौरतलब है कि दोनों दल बिहार में आरजेडी नीत महागठबंधन के हिस्सा हैं. दोनों दलों के प्रमुख चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से रांची जाकर मिल चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी शरद मधेपुरा से बतौर जेडीयू उम्मीदवार चुनाव लड़े थे लेकिन जीत नहीं पाए. उस समय वे जेडीयू अध्यक्ष भी थे. बाद में नीतीश कुमार जेडीयू अध्यक्ष बने. जेडीयू ने शरद को राज्यसभा भेज दिया. साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन 2017 में जेडीयू ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसे ‘जनादेश का अपमान’ बताते हुए शरद यादव जेडीयू से अलग हो गए और अपनी नई पार्टी लोजद बना ली.

Loading...

Check Also

कालीबाग कब्रिस्तान में गरीबों के रॉबिनहुड मुख्तार अंसारी को किया गया सुपुर्द-ए-खाक

पुत्र उमर अंसारी अपने पिता मुख़्तार की मूंछों को ऊपर की ओर करता हुआ सूर्योदय ...