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अखिलेश यादव पर CM योगी ने बोला हमला- विपक्ष के नेता नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी को मानना चाहिए

गोरखनाथ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला और कहा कि विपक्ष के नेता नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी को मानना चाहिए। जब बातचीत से मामला हल नहीं हो सका तो सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा करना होगा। विपक्ष की राजनीति संकुचित और नकारात्मक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार भी अयोध्या में दीपोत्सव भव्य तरीके से मनाया जाएगा। हर घर, परिवार को दीपोत्सव से जोड़ने की पहल की गई है। यह आयोजन सरकारी नहीं, आमजन का होगा। योगी ने सोमवार को कन्या पूजन के बाद गोरखनाथ मंदिर में मीडिया कर्मियों से बात की और कहा कि जल्द ही खुशखबरी मिलने से संबंधित बयान अयोध्या के परिप्रेक्ष्य में नहीं था।

पिछले तीन वर्षों से अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जा रहा है। यह भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। बीच के काल खंड में यह लुप्त प्राय हो गया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या को उसका पुराना वैभव प्राप्त हो इस दृष्टि से अनेक आयोजनों को उससे जोड़ा है। दुनिया में जहां-जहां रामलीला होती है, वहां की टीम को दीपोत्सव के दौरान अयोध्या आमंत्रित किया जाता है। इंडोनेसिया, कंबोडिया, थाइलैंड, श्रीलंका, जापान से रामलीला की टीमें आती हैं। इस साल 26 अक्तूबर को भी दीपोत्सव होगा। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच अक्तूबर को चंपादेवी पार्क में विख्यात कथा वाचक मोरारी बापू की राम कथा की शुरूआत की थी। साथ ही मंच से कहा था कि जल्द ही बहुत अच्छी खुशखबरी मिलेगी। मुख्यमंत्री के इस बयान में अयोध्या में मंदिर निर्माण से जोड़कर देखा गया था। विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी बयान की निंदा की थी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्णय आएगा, ये मुख्यमंत्री को कैसे पता? इसका जवाब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गोरखनाथ मंदिर में दिया। उन्होंने कहा कि जिनकी भूमिका ही नकारात्मक रही हो। जिन्होंने प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा किया हो, उससे सकारात्मक बात की उम्मीद कैसे की जा सकती है? महात्मा गांधी की जयंती के 150 वर्ष पूरे होने 48 घंटे तक सदन चलाने का फैसला हुआ था। इसपर सहमति बनी थी, फिर भी संपूर्ण विपक्ष ने उसका बहिष्कार किया। 16 बिंदुओं पर 48 घंटे तक चर्चा होनी थी।

जिन लोगों को गरीबी, भूखमरी को दूर करने से कुछ लेना देना नहीं था, उन लोगों ने सदन का बहिष्कार किया। सच यह है कि वह लोग सदन का सामना करने की स्थिति में नहीं थे। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देश में नया परिवर्तन आया है। अब शासन की परियोजनाओं में जाति, मजहब नहीं रहा। इसमें गांव, गरीब, महिलाएं और समाज का सभी तबका शामिल है। ढाई करोड़ आवास, 10 करोड़ शौचालय 50 करोड़ को स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा की गारंटी संभव हुआ है। प्रधानमंत्री के सुझाव पर यूनाइटेड नेशन ने गरीबी , भुखमरी को मिटाने के लिए अभियान चलाने को कहा था। भाजपा सरकार जाति, मजहब के आधार पर कोई फैसला नहीं लेती है।

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