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अखिलेश ने सीएम योगी को लिखा खुला पत्र, कहा- ‘जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा’

अशाेेेक यादव, लखनऊ। देश में कोरोना का कहर बरपा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण का ग्राफ ऊपर की ओर जा रहा है। कोरोना संक्रमण से मरने वालों की तादात भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकार जेईई और नीट परीक्षाओं के का शेड्यूल जारी कर दिया है।

जिसके बाद से जेईई और नीट परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ देशभर में एक माहौल बना हुआ है। ज्यादातर अभिवाहक और छात्र इसके खिलाफ है।

जबकि सरकार ने परीक्षा रद्द करने से साफ इनकार कर दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जेईई और नीट  परीक्षा को लेकर खुला पत्र लिखा है। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भाजपा की ओर से यह तर्कहीन बात फैलायी जा रही है।

कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते है। खुला पत्र के जरिए अखिलेश यादव ने मांग की है, कि अगर परीक्षा कराई जाती है। तो छात्रों के आने-जाने, रहने और खाने-पीने की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। अखिलेश ने सवाल किया है कि अगर किसी छात्र को संक्रमण हो गया तो उसकी क़ीमत क्या सरकार चुकाएगी

अखिलेश यादव ने पत्र में कहा, ”ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी, उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या ये सरकार चुकाएगी।

भाजपाई सत्ता के मद में ये भी भूल गए कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं और जो लोग घर पर रहकर बचाव करना भी चाहते हैं आपकी सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें भी बाहर निकलने पर बाध्य कर रही है। ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी, उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया, तो इसकी कीमत क्या ये सरकार चुकाएगी?

अखिलेश ने पूछा है कि कोरोना व बाढ़ में जबकि बस-ट्रेन बाधित हैं तो बच्चे दूर-दूर से कैसे आएंगे? न तो हर एक की सामर्थ्य टैक्सी करने की है और न ही हर शहर में इतनी टैक्सियां हैं। भाजपा के एक प्रवक्ता तो ये तर्क दे रहे हैं, कि गरीब तो जैसे पहले प्रबंध करता वैसे अब भी करेगा।

भाजपा ये समझ चुकी है कि बेरोज़गारी से जूझ रहा युवा तथा कोरोना, बाढ़ व अर्थव्यवस्था की बदइंतज़ामी से त्रस्त ग़रीब, निम्न व मध्य वर्ग अब कभी उसको वोट नहीं देगा। इसीलिए वो युवाओं और अभिभावकों के ख़िलाफ़ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है ।

भाजपा को सिर्फ़ वोट देनेवालों से मतलब है। उल्लेखनीय है कि नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं को टालने की मांग छात्रों का एक वर्ग कर रहा है, जिसका विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं।

अखिलेस ने अपने पत्र के जरिए कहा लोगों से कहा कि भाजपा के इस तकह के नकारात्मक व हठधर्मी बदले की राजनीति करने वाली भाजपा व उसके सहयोगी दलों के खिलाफ देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है। जान के बदले एग्जाम, नहीं चलेगा-नहीं चलेगा।

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