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अखिलेश और बहन जी ने अपनों में बांट दी थीं उप्र की चीनी मिलें: अमित शाह

अशाेक यादव, लखनऊ। गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकारों के शासन में भ्रष्टाचार व परिवारवाद का बोलबाला रहने का आरोप लगाते हुये शुक्रवार को कहा कि इन दलों के नेताओं ने राज्य की चीनी मिलों को अपने चहेतों को बेच दिया था।

शाह ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की 23 नई शाखाओं और राज्य भंडार निगम के 29 गोदामों के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुये सहकारिता के क्षेत्र में भारी पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने में केन्द्र और राज्य सरकार की सक्रिय भागीदारी को सराहनीय पहल बताया।

उन्होंने यहां स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि पूर्व की सरकारों के शासन में आलम यह था कि राज्य की तमाम सहकारी चीनी मिलों को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने अपने चहेतों को बेच दिया था। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

शाह ने कहा कि राज्य की मौजूदा योगी सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में पारदर्शिता कायम करते हुये न सिर्फ बंद पड़ी चीनी मिलों को शुरु किया। बल्कि गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान भी किया। उन्होंने कहा, “कभी बहन जी और अखिलेश जी ने प्रदेश की चालू चीनी मिलें बंद कर अपने चट्टों-बट्टों में बांट दी थी, जिसे योगी जी ने पुन: चालू करने का काम किया है।

शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय बनाने की जो मांग 70 सालों से लंबित थी। उसे मोदी जी ने पूरा किया और अब इस क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का सफाया होना शुरु हो सका। उन्होंने सहकारिता क्षेत्र को किसान कल्याण के लिये रीढ़ की हड्डी बताते हुये कहा, “बुआ और बबुआ के राज में यूपी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि 19 प्रतिशत किसानों का वित्ती लेनदेन सहकारिता विभाग से होता है। उर्वरक भी किसानों को सबसे ज्यादा सहकारिता विभाग से ही प्राप्त होती है। इतना ही नहीं दूध, गेहूं और धान की खरीद भी इसी विभाग से होती है। साफ है कि सहकारिता ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की रीढ़ है। शाह ने अखिलेश और मायावती पर निशाना साधते हुये कहा कि जो लोग जाति और परिवार की राजनीति करते हैं वे पारदर्शी और भ्रष्टाचार विहीन शासन नहीं दे सकते हैं।

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