जिस तरह चैत्रमाह के आते ही पृथ्वी अन्नमय और प्राणी राममय हो जाता है, उसी तरह श्रावण माह के आते ही पृथ्वी हरे रंग की चादर ओढ़ लेती है और साधक शिव की भक्ति में लीन हो जाता है। श्रावण ही ऐसा माह है, जब कृष्ण गोपिकाओं के साथ और ...
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