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RJD के समर्थकों ने तेजस्वी को अपना नेता माना. बैठक में नहीं शामिल हुए तेज प्रताप

लखनऊ : आरजेडी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसके संकेत 11 सितंबर को पूर्व सीएम राबड़ी आवास पर हुई बैठक के दौरान मिल गए, जब राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप ने बैठक से दूरी बनाए रखी. आरजेडी सूत्रों का कहना है कि जब बैठक चल रही थी, तो तेज प्रताप घर पर ही मौजूद थे, लेकिन बैठक में नहीं आये. चर्चाएं तेज हुईं, तो आरजेडी नेताओं ने सफाई देनी शुरू की, लेकिन सत्तापक्ष इस पर सवाल खड़े कर रहा है और कह रहा है कि ये तो होना ही था.

ऐसा पहले नहीं हुआ था, जब आरजेडी की कोई बड़ी बैठक हुई हो तो उसमें तेज प्रताप मौजूद नहीं रहे हों, लेकिन इस बार हुआ. पार्टी पदाधिकारियों की विस्तारित बैठक हो रही थी, जिसमें विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष सब शामिल थे, लेकिन तेज प्रताप नहीं. हालांकि तेज प्रताप की ओर से बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कोई सफाई नहीं आयी है, लेकिन राजनीतिक हल्कों में चर्चा तेज है, क्योंकि तेज प्रताप चुप हैं. अमूमन तेज प्रताप की ओर से हर मुद्दे पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी जाती है, लेकिन बंद को लेकर किसी तरह का बयान तेज प्रताप की ओर से नहीं और न ही उन्होंने पार्टी की बैठक को लेकर कोई ट्वीट किया है. हां, मोदी सरकार को बढ़ती मंहगाई को लेकर सवालों के घेरे में जरूर खड़ा किया है. आरजेडी की बैठक में भाग लेने और एससी/एसटी के मुद्दे पर अपनी राय रखनेवाले आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि तेज और तेजस्वी यादव के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है. दोनों भाई एक हैं. वो लालू प्रसाद के परिवार से अपने सालों पुराने संबंध की दुहाई देते हैं. कहते हैं कि परिवार में कोई मतभेद नहीं है, लेकिन एक बात सही है कि तेजस्वी यादव को लालू प्रसाद के समर्थकों ने अपना नेता मान लिया है. उनको पता है कि आनेवाले दिनों में तेजस्वी यादव ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे. तेज प्रताप ने खुद तेजस्वी को अर्जुन करार दिया था. वहीं,आरजेडी विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन का कहना है कि दोनों भाइयों की जोड़ी राम-लक्ष्मण जैसी है. किसी तरह की दरार पड़नेवाली नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव पार्टी की बैठक में थे, तो तेज प्रताप आरजेडी के छात्र नेताओं को पैदल मार्च के लिए सिताबदियारा को रवाना कर रहे थे. हालांकि पहले कहा गया था कि तेजस्वी यादव पद यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और उसमें शामिल भी होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तेजस्वी यादव ने यात्रा से दूरी बनाए रखी, जिसकी वजह से तेज प्रताप को हरी झंडी दिखानी पड़ी. आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस भी तेज प्रताप और तेजस्वी यादव के बीच ऑल इज वेल होने का गीत गा रही है. पार्टी के बिहार प्रदेश के प्रवक्ता सरोज यादव का कहना है कि जल्दी ही सच्चाई सामने आ जायेगी, दोनों भाई एक हैं.

बिहार की सत्ता में शामिल जदयू और भाजपा ने तेज प्रताप के बहाने आरजेडी पर वार करना शुरू कर दिया है. जदयू नेता उपेंद्र प्रसाद का कहना है कि ये तो सामने आना ही था, क्योंकि लंबे समय से जो बातें सामने आ रही थीं. उनसे साफ तौर से संकेत मिल रहे थे कि तेजस्वी यादव की ओर से तेज प्रताप को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है. पहले भी तेज प्रताप सोशल मीडिया पर अपना दर्द लिख चुके हैं, जिसमें उन्होंने एक एमएलसी तक का नाम लिख दिया था.
भाजपा एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि आरजेडी से जो बात सामने आयी है, वो पूरी तरह से सही है. तेज प्रताप को पहले बड़े से छोटा बनाया गया. एफिडेविट में लिखकर दिया गया, अब वही हो रहा है. अच्छा भी है, क्योंकि एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती है. तेजस्वी ने अब साफ तौर पर इशारा कर दिया है. वो पार्टी में तेज प्रताप किनारे लगा चुके हैं.

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