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लॉकडाउन: 12 दिन में 197 और जिलों में फैल गया कोविड-19 वायरस का संक्रमण, तबलीगी जमात ने बढ़ाये ज्यादातर मामले

अशोक यादव, लखनऊ। देश में कोरोना संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक देश के 272 जिले वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। जबकि लॉकडाउन होने से पहले करीब 75 जिलों में संक्रमण के मामले आए थे। यानी 12 दिन में 197 और जिलों में संक्रमण फैल गया है।

इसके मद्देनजर जिलाधिकारियों को तत्काल जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन कार्ययोजना बनाकर अमल में लाने को कहा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित प्रेस कांफ्रेस में कहा कि पिछले दिनों कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है, जिसकी एक प्रमुख वजह तबलीगी जमात से जुड़े लोगों में संक्रमण होना है।

इसके चलते देश में 4.1 दिनों के भीतर मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। जबकि सामान्य स्थिति में ऐसा 7.4 दिनों में होता। दरअसल, देश में कोविड संक्रमण के कुल मामलों में एक तिहाई तबलीगी जमात से जुड़े हैं।

अग्रवाल ने कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन को प्रभावी बनाने के प्रयासों की सरकार निरंतर समीक्षा कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में रविवार को कैबिनेट सचिव ने जिला स्तर पर लॉकडाउन को प्रभावी बनाने की समीक्षा करने के लिए सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों सहित राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की।

संक्रमण को रोकने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने परामर्श जारी कर लोगों से सार्वजनिक स्थलों पर नहीं थूकने, धूम्रपान करने से बचने और गुटखा आदि तंबाकू पदार्थों का सेवन करने से बचने को कहा है। आईसीएमआर ने कहा है कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

रैपिड टेस्ट किट की आपूर्ति बुधवार से शुरू होने की उम्मीद
आईसीएमआर के रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया कि कोरोना के त्वरित परीक्षण के लिए रेपिड टेस्ट किट की आपूर्ति बुधवार से शुरू होने की उम्मीद है। इस किट की उपलब्धता के बाद संक्रमण के अधिक प्रभाव वाले इलाकों से त्वरित परीक्षण प्रणाली से जांच शुरू कर दी जाएगी।

पीपीई किट का घरेलू उत्पादन भी शुरू
चिकित्साकर्मियों की निजी सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली पीपीई किट की राज्यों में कमी के सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि पीपीई का पहले सिर्फ आयात होता था। लेकिन इस साल जनवरी से पीपीई का घरेलू उत्पादन भी शुरू किया गया है।

साथ ही इसकी उपलब्धता को मांग के अनुरूप बनाए रखने के लिए विदेशों से आयात भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीपीई की कमी को जल्द दूर कर मांग के अनुरूप आपूर्ति बहाल हो जायेगी।

प्रवासी मजदूरों के लिए 28 हजार राहत केन्द्र संचालित
इस दौरान गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय सुविधा मुहैया कराने के लिए देश भर में लगभग 28 हजार राहत केन्द्र संचालित हो रहे हैं।

इनमें लगभग करीब 24 हजार सरकारी और शेष सामाजिक संगठनों द्वारा संचालित हैं। इन केन्द्रों में 12.5 लाख लोगों को भोजन और आश्रय की सुविधा दी गयी है।

इसके अलावा गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए देश में 19460 विशेष फूड कैंप भी चल रहे हैं, जिनके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 75 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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