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मुंबई का आरे मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर लगाई रोकी, कहा- सरकार बताए अभी तक कितने पेड़ों को काटा है और कितने पौधे लगाए गए हैं

नई दिल्ली: मुंबई के आरे में काटे जा रहे पेड़ों को बचाने के लिए छात्रों की ओर से दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि फिलहाल कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और यथास्थिति बनाए रखी जाए। इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर तक के लिए तय कर दी है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पेड़ों को बचाने के लिए जिन लोगों को भी हिरासत में लिया गया है उनको तुरंत रिहा किया जाए। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार से भी पूछा है कि क्या आरे का क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन में है या नहीं और अभी तक सरकार ने कितने पेड़ों को काटा है और बदले में कितने पौधे लगाए गए हैं और इनका क्या स्टेटस क्या है। वहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर 1 या दो फीसदी क्षेत्र भी वन क्षेत्र में है तो पेड़ काटे नहीं जा सकते हैं। यह आदेश की अहम बात है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील तुषार मेहता ने दलील दी कि पर्यावरण हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। पौधे लगाए जा रहे हैं। इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि पौधे लगाना एक अलग बात है, उनकी देखभाल करना एक अलग चीज है। सुनवाई के दौरान छात्रों की ओर से पेश वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि आरे कॉलोनी 2012 में डिक्लियर किया गया था कि ये फॉरेस्ट लैंड है। जस्टिस अरुण मिश्रा ने पूछा ग्रीन बेल्ट कौन सा है? गोपाल शंकर नारायण ने कहा सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसे इको सेंसेटिव जोन से हटा दिया था। जिसके खिलाफ याचिका अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि मेट्रो शेड महाराष्ट्र सरकार की वन क्षेत्र को लेकर बिना किसी व्याख्या और नीति के योजनाबद्ध किया गया है।

आपको बता दें कि छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे के पेड़ों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। छात्रों ने प्रधान न्यायाधीश को इस मामले में एक चिट्ठी लिखी जिसमें कहा गया था कि उन्हें अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मामले की तुरंत सुनवाई करने चाहिए और पेड़ों के कटने पर रोक लगानी चाहिए। छात्रों की अपील में कहा गया है कि 4 अक्टूबर से ग़ैर क़ानूनी तरीके से पेड़ों को काटा जा रहा है और शांतिपूर्ण विरोध करने वालों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच इस मामले में गिरफ़्तार 29 लोगों को सशर्त ज़मानत मिल गई थी जिन्हें देर रात रिहा कर दिया गया। ज़मानत की शर्त में इन्हें प्रदर्शन में भाग नहीं लेने को कहा गया है। दूसरी तरफ़ आरे में पुलिस की नाकेबंदी अभी भी जारी है लेकिन धारा 144 को हटा लिया गया है। महाराष्ट्र सरकार इन पेड़ों को काटकर मेट्रो शेड बनाने के लिए पेड़ काटने का फैसला लिया है।

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