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मिट्टी युक्त प्लास्टिक मुक्त’ बनेगा झारखंड, हर जिले में 5,000 लोगों को मिलेगा रोजगार

गढ़वा: झारखंड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार की योजना पर जोर-शोर से काम चल रहा है. माटी कला बोर्ड के जरिये इस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. अभियान को ‘मिट्टी युक्त प्लास्टिक मुक्त’ नाम दिया गया है. इस योजना के तहत प्लास्टिक के सामानों का इस्तेमाल राज्य में बंद किया जायेगा और उसकी जगह मिट्टी से बने सामानों का इस्तेमाल शुरू किया जायेगा. इतना ही नहीं, लोगों को अपनी मिट्टी से जोड़कर हर जिले में कम से कम 5,000 लोगों के लिए रोजगार का सृजन करेगी. माटी कला बोर्ड के पलामू प्रमंडल के प्रभारी अविनाश देव ने चतंइींजाींइंत.बवउ को बताया कि वर्ष 2019 में गर्मी के मौसम में मिट्टी का बोतल बाजार में उपलब्ध होगा. मिट्टी से बने कूकर से लेकर क्रॉकरी सेट तक बाजार में उपलब्ध होंगे.

ये सारी चीजें झारखंड में और झारखंड के लोगों द्वारा बनायी जायेगी. इससे पहले, गढ़वा जिला मुख्यालय के नवादा मोड़ स्थित उत्सव गार्डेन में झारखंड प्रजापति कुम्हार महासंघ जिला इकाई गढ़वा की एक एक बैठक हुई. बैठक में हर प्रखंड से आये संघ के अध्यक्ष व सचिव ने शिक्षा, बेरोजगारी एवं विधानसभा चुनाव 2019 पर अपने विचार रखे. इसी दौरान मिट्टी के कूकर, मिट्टी के बॉटल, मिट्टी का तावा, मिट्टी के ग्लास के साथ-साथ दैनिक इस्तेमाल में आने वाली मिट्टी की अन्य वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया. उन्होंने कहा कि जनवरी में मिट्टी के बर्तनों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. इस बीच, जिला के पदाधिकारी पंचायत व गांव स्तर पर जाकर संगठन के बारे में लोगों को बतायेंगे. श्री देव के कहा कि मिट्टी से लोगों को जोड़ने के लगातार प्रयास हो रहे हैं. इसका उद्देश्य झारखंड को ‘मिट्टी युक्त, प्लास्टिक मुक्त’ राज्य बनाना है.

उन्होंने कहा कि जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे, बेरोजगारी दूर नहीं होगी. सिर्फ अक्षर ज्ञान और बड़ी-बड़ी डिग्रियां ही शिक्षित होने का पैमाना नहीं है. यदि आपके पास हुनर है, तो आपके लिए वही सबसे बड़ी डिग्री है. आप हुनरमंद हैं, तो आपकी हर जगह कद्र होगी. इसलिए खुद को कुशल बनायें. उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत से कुम्हार हैं, जो पलायन कर रहे हैं. लोगों का पलायन रोकने के लिए गुजरात से लाखों रुपये की मशीनें मंगवायी गयी हैं. मशीन चलाने एवं मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए 10 प्रशिक्षकों को गुजरात से बुलवाया गया है. ये लोग झारखंड के कुम्हारों को 15 दिसंबर से प्रशिक्षण देंगे. इसके बाद झारखंड में मिट्टी के क्रॉकरी सेट्स तैयार किये जायेंगे. माटी कला बोर्ड के सदस्य श्री देव ने कहा कि मिट्टी का इस्तेमाल बढ़ेगा, तो पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा और लोग भी सेहतमंद रहेंगे. इसलिए सभी लोगों को इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान देना चाहिए.

इस अवसर समन्वय समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सभी कुम्हारों को एक सूत्र में बंधकर रहना होगा. तभी समाज का विकास संभव है. झारखंड प्रजापति कुम्हार महासंघ के गढ़वा जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब तक सत्ता में कुम्हारों की भागीदारी नहीं होगी, तब तक कुम्हारों की समस्याओं का निदान नहीं होगा. कहा कि गढ़वा में कई बार कुम्हारों के कार्यक्रम हुए. इसमें गढ़वा विधायक सतेंद्र नाथ तिवारी को आमंत्रित भी किया गया, लेकिन एक बार भी वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. माटी कला बोर्ड सदस्य श्री देव एवं झारखंड प्रजापति कुम्हार महासंघ के गढ़वा जिला अध्यक्ष योगेंद्र प्रजापति ने गुजरात से मंगाये हुए मिट्टी का कूकर, पानी का बॉटल एवं मिटी के ग्लास एसपी शिवानी तिवारी को भेंट किया. मिट्टी के बर्तन देख एसपी बेहद प्रभावित हुईं. उन्होंने श्री देव से इस कला के बारे में कई जानकारी हासिल की.

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