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मायावती: अखिलेश और डिंपल ने मुझे बहुत इज्‍जत दी है और मैंने उन लोगों को परिवार की तरह माना

नई दिल्ली: ‘यादवों ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. यादव बहुल इलाकों में भी समाजवादी पार्टी की हार हुई है. ऐसे में साथ बने रहने का कोई मतलब नहीं है.’ यह कहना है बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती का. 03 जून को मायावती ने अपने आवास पर समीक्षा बैठक कर इस बात का ऐलान किया कि 11 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव वह अकेले दमपर लड़ेंगी. मायावती ने कहा कि समीक्षा बैठक में जो बात निकलकर सामने आई उस पर हमें सोचने को मजबूर होना पड़ा. इसके बाद से यह साफ हो गया कि उत्‍तर प्रदेश में अब बसपा और सपा के बीच का गठबंधन खत्‍म हो गया है.

मायावती ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी पुष्टि भी कर दी. हालांकि मायावती ने साफ कहा कि अखिलेश यादव से हमारे रिश्‍ते हमेशा बने रहेंगे. अखिलेश यादव और डिम्‍पल यादव ने मुझे बहुत इज्‍जत दी है और मैंने भी उन लोगों को परिवार की तरह माना है. मायावती ने कहा कि अखिलेश से हमारे रिश्‍ते हमेशा बने रहेंगे. गेस्‍ट हाउस कांड के बाद से बसपा और सपा के बीच रिश्‍ते में न पटने वाली दरार आ गई थी. 2019 का लोकसभा चुनाव उन दरारों को पाट कर मायावती और मुलायम सिंह यादव को एक मंच पर ला दिया. यह सब कुछ अखिलेश यादव के नेतृत्‍व में हुआ. अखिलेश यादव अक्‍सर मंचों पर मायावती को बुआ कहते रहे हैं.

जब चुनावी गठबंधन का ऐलान हुआ तो एक मंच पर यादव परिवार के साथ मायावती भी दिखने लगीं. इसी दौरान कन्‍नौज की एक तस्‍वीर वायरल भी हुई थी. कन्‍नौज से मुलायम सिंह यादव की बहु और अखिलेश यादव की पत्‍नी डिम्‍पल यादव चुनाव मैदान में थीं. वहां आयोजित चुनावी जनसभा में जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्‍नी डिंपल यादव ने मंच पर मायावती के पांव छुए तो वह तस्‍वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ. अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने तब तंज कसते हुए कहा था कि ‘बहू डिंपल यादव ने बसपा सुप्रीमो के पांव छूकर समाजवाद को उनकी कदमों में रख दिया.

इस पार्टी को बनाने में माननीय मुलायम सिंह यादव और मैंने सालों मेहनत किए थे.’ शिवपाल अक्‍सर मायावती को अखिलेश के द्वारा बुआ कहे जाने पर भी तंज कसते रहे हैं. उनका कहना है कि जब मुलायम सिंह और मैंने कभी मायावती को बहन नहीं बनाया तो अचानक वो अखिलेश की बुआ कैसे बन गईं? इससे पहले राष्‍ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने भी मायावती से मुलाकात की थी और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था. यह तस्‍वीर भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई थी. तेजस्वी ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी खुशी जताई थी. मायावती से मुलाकात के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी ने कहा था कि अब यूपी और बिहार से बीजेपी का सफाया होगा. यूपी में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाएगी. मायावती से हमें मार्गदर्शन मिले, हम यही चाहते हैं. इनसे हमें सीखने का मौका मिलता है.

साथ ही तेजस्वी ने कहा था, सपा-बसपा गठबंधन से लोगों में खुशी है. आज ऐसा माहौल है जहां वे बाबा साहेब के संविधान को मिटाना चाहते हैं और ‘नागपुर के कानूनों’ को लागू करना चाहते हैं. लोग मायावती जी और अखिलेश जी द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत करते हैं. यूपी और बिहार में बीजेपी का सफाया हो जाएगा. वे यूपी में 1 सीट भी नहीं जीत पाएंगे, सभी सीटें सपा-बसपा गठबंधन को मिलेंगी. हालांकि, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बिहार में आरजेडी का सफाया हो गया और यूपी में सिर्फ मायावती को 10 सीटों पर कामयाबी मिली जबकि समाजवादी पार्टी सिर्फ 5 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई. उसमें मुलायम परिवार के तीन सदस्‍य चुनाव हार गए. परिवार से सिर्फ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ही जीत दर्ज कर पाए.

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