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महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ के भक्तों को मुख्यमंत्री ने दी एक-एक लाख रुपये की सौगात

रांची: कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर हिंदू करना चाहता है. आर्थिक रूप से कमजोर लोग इस यात्रा पर नहीं जा पाते. इसलिए झारखंड सरकार ने वैसे तीर्थयात्री, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, को एक लाख रुपये की कैलाश मानसरोवर अनुदान राशि दे रही है. उक्त बातें झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कैलाश मानसरोवर से लौटे तीर्थयात्रियों को अनुदान राशि प्रदान करते हुए कहीं. झारखंड के लोगों के साथ-साथ देशवासियों को माहशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए श्री दास ने कहा कि भारत आध्यात्मिक और धर्मपरायण देश है. झारखंड सरकार समाज के गरीब तबके के लोगों के लिए, जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, पर विशेष ध्यान दे रही है. ऐसे ही लोगों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत की गयी. इस योजना के तहत अब तक 5,000 से ज्यादा लोग तीर्थाटन कर चुके हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के वैसे तीर्थयात्री, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और कैलाश मानसरोवर जैसे कठिन तीर्थ पर जाना चाहते हैं, उनके लिए सरकार ने एक लाख रुपये के अनुदान की घोषणा की थी. वर्ष 2018-19 में कैलास मानसरोवर की यात्रा से लौटे तीर्थयात्रियों को वह अनुदान राशि आज दी जा रही है. श्री दास ने कहा कि यह कोई सरकार की ओर से कोई एहसान नहीं है. सरकार की तिजोरी में जो पैसे हैं, वे जन कल्याण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए ही है. सरकार भारत की संस्कृति का निर्वहन कर रही है. मानसरोवर की यात्रा करने वाले श्रद्धालु सौभाग्यशाली हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आपने अपनी यात्रा के दौरान भगवान भोलेनाथ से देश और राज्य के साथ अपने परिवार के लिए कुशलता की कामना की. प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत विश्व गुरु बने और इसके लिए हम सब मिलकर काम कर रहे हैं.’सीएम ने कहा कि इस योजना से सरकार वैसे लोगों की इच्छा पूरी कर रही है,

जो तीर्थ यात्रा पर जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि योजना का लाभ पा चुके श्रद्धालु इस योजना के बारे में अन्य लोगों को भी बतायें, ताकि और लोग भी यात्रा पर जायें, उन्हें भी सरकार की इस पुण्य योजना का लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी विकसित कर रही है. झारखंड में बहुत से धार्मिक स्थल हैं. हर धर्म का तीर्थस्थल झारखंड में है. वैसे स्थलों को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित कर हम लोगों को रोजगार देने चाहते हैं. इस दिशा में सरकार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि दुनिया का सबसे बड़ा बौद्धस्तूप इटखोरी में बने और सरकार इस पर विचार कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इटखोरी पहुंचें. विदेशी पर्यटक भारत को विदेशी मुद्रा देते हैं. इससे भारत का आर्थिक विकास होता है. जल्द ही झारखंड एक विशेष पर्यटन स्थल के रूप में दुनिया के मानचित्र पर नजर आयेगा.

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