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मध्य प्रदेश में सरकार के खिलाफ साधु-संतों की ओर से निकाली जा रही ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ के बीच में ही राज्य सरकार ने पांच बनावटी संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया

भोपाल : मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ साधु-संतों की ओर से निकाली जा रही ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ (1 अप्रैल-15 मई) के बीच में ही राज्य सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। इसके साथ ही संत समाज ने विरोध भी समाप्त कर दिया। मंत्री का दर्जा पाने वालों में उदय सिंह देशमुख उर्फ भैय्यू महाराज भी शामिल हैं।शानदार आश्रम में रहने वाले भैय्यू महाराज मॉडल रह चुके हैँ। वह पहली बार वर्ष 2011 में अन्ना हजारे द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान सुर्खियों में आए थे। एसयूवी से चलने के शौकीन उदय सिंह अब अपनी पहचान एक आध्यात्मिक गुरु के तौर पर कराते हैं। मंत्री का दर्जा हासिल करने वाले भैय्यू महाराज एक साध्वी से अफेयर के कारण विवादों में भी रह चुके हैं। वह पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के अलावा देश के कई शीर्ष नेताओं के आध्यात्मिक सलाहकार भी हैं। भैय्यू महाराज कई तरह के सामाजिक कार्यों से भी जुड़े हैं। वह गरीब छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना चलाने के अलावा पौधारोपण और जल संरक्षण अभियान भी चलाते रहते हैं। उन्होंने ‘राष्ट्रीय एनीमिया अभियान’ की भी शुरुआत की है। तमाम तरह के सामाजिक कार्यों के बावजूद उन पर एक अभिनेता से धोखाधड़ी करने जैसा गंभीर आरोप भी लग चुका है।

पंडित योगेंद्र महंत: शिवराज सरकार ने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा के संयोजक पंडित योगेंद्र महंत को भी राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। इन्होंने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर नदी संरक्षण अभियान में घोटाला करने का संगीन आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि पौधारोपण के लिए जारी फंड का दूसरे मद में इस्तेमाल किया गया। सोशल मीडिया में उनके प्रोफाइल के अनुसार, वह विश्व ब्राह्मण संघ (अमेरिका) के राज्य अध्यक्ष भी हैं।

हरिहरनंद महाराज: मध्य प्रदेश सरकार ने हरिहरनंद महाराज को भी राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। वह शिवराज सरकार द्वारा पूर्व में चलाए गए अभियान का हिस्सा रह चुके हैं। हरिहरनंद महाराज भारत के सबसे व्यापक संरक्षण अभियान ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ का नेतृत्व करने वालों में से एक थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा के संरक्षण के लिए इसकी शुरुआत की थी। इसके तहत 1,100 गांवों को कवर किया गया था। यह अभियान 3,344 किलोमीटर की यात्रा के बाद पिछले साल मई में संपन्न हुआ था।

नर्मदानंद महाराज: राज्यमंत्री का दर्जा पाने वालों में नर्मदानंद महाराज का नाम भी शामिल है। मंत्री का दर्जा पाने वाले पांचों संतों में यह सबसे कम चर्चित हैं। नर्मदानंद रामनवमी जैसे त्योहारों के दौरान यात्राएं निकालने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें भगवान हनुमानजी का उपासक माना जाता है। उन्होंने हनुमानजी के नाम पर कई यात्राएं निकाली हैं।

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