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वाहन उद्योग के लिए प्रोत्साहन की घोषणा जल्द: जावडे़कर

अशाेक यादव, लखनऊ। भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि वाहन उद्योग के लिए सरकार जल्द ही प्रोत्साहन की घोषणा करेगी, लेकिन वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की उद्योग की मांग पर तुरंत सहमत होना संभव नहीं है। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन ‘सियाम’ के 60वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुये जावड़ेकर ने कहा “सरकार हर सुझाव पर खुले मन से विचार करने के लिए तैयार है।

हम हमेशा आपसे संवाद करते रहते हैं।

हम जीएसी घटाने के बारे में तत्काल सहमत नहीं हो सकते, लेकिन इसका मतलब “अंतिम न” भी नहीं है।”

प्रोत्साहन पैकेज के बारे में उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के उद्योग के लिए प्रोत्साहन पैकेज तैयार कर रहा है और वाहन उद्योग को भी जल्द शुभ समाचार सुनने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज में सबसे पहले दुपहिया, तिपहिया और यात्री बसों को स्थान मिलेगा तथा इसके बाद यात्री वाहनों यानी कारों, उपयोगी वाहनों और वैनों पर भी विचार संभव है। इससे पहले सियाम के अध्यक्ष राजन वढ़ेरा ने सभी श्रेणी के वाहनों के लिए जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने और सीएनजी बसों की खरीद पर भी इलेक्ट्रिक बसों की तरह प्रोत्साहन देने की मांग की।

जावड़ेकर ने कहा कि भारत स्टेज (बीएस)-6 ईंधन मानकों को अपनाने में वाहन उद्योग ने काफी निवेश किया है और उसके बाद कोविड-19 के कारण मांग में अचानक आई कमी के कारण अब कंपनियों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे निकट भविष्य में नये मानकों के लिए निवेश कर सकें। इसलिए इन मानकों को टाल दिया जाना चाहिये।

भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री ने आश्वासन दिया कि वाहन उद्योग की मांग से वह वित्त मंत्री को अवगत करा देंगे।

उन्होंने कहा “आप जीएसटी में स्थायी कटौती की मांग नहीं कर रहे हैं, आप कुछ समय के लिए राहत चाहते हैं।

मैं वित्त मंत्री के साथ इस पर चर्चा करुंगा। जीएसटी परिषद् को इस पर फैसला करना होगा जो सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को ध्यान में रखकर निर्णय करता है। मुझे उम्मीद है कि सर्वसम्मति से कोई फैसला संभव होगा।”

भारी उद्योग मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से हर व्यक्ति और हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

सरकार के खजाने पर भी इसका असर हुआ है और उद्योगों को मदद करने की उसकी क्षमता प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और अब उसे आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हुए निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिये।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि सरकार को त्योहारी मौसम में मांग बढ़ाने के उपाय करने चाहिये।

साथ ही कुछ राज्यों में अचानक लॉकडाउन लगा देने से कलपुर्जों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

राज्यों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को कलपुर्जों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिये अन्यथा मांग आने के बावजूद उस अनुपात में उत्पादन नहीं हो सकेगा।

उन्होंने मध्यम अवधि में बड़े पैमाने पर और बेहतर सड़कों तथा अन्य बुनियादी ढाँचों के निर्माण की मांग की।

जावड़ेकर ने आश्वस्त किया कि मोदी सरकार ने सड़कों, सुरंगों, पुलों आदि के निर्माण पर ध्यान दिया है।

उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को लेकर अभी जरूर चिंता है, लेकिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।

इस साल अच्छे मानसून से फसलों का बंपर उत्पादन होगा।

इससे न सिर्फ ट्रैक्टरों और दुपहिया वाहनों की माँग बढ़ेगी बल्कि यात्री वाहनों की माँग भी आयेगी।

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिचि आयुकावा ने कहा कि सरकार को देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास करना चाहिये क्योंकि आर्थिक परिस्थितियों पर ही वाहन उद्योग का कारोबार निर्भर करता है।

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