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बजरंग दल-भगवा रक्षा वाहिनी के गुंडों पर कार्रवाई के बजाए पीड़ितों को फंसा रही पुलिस: रिहाई मंच

लखनऊ। रिहाई मंच प्रतिनिधि मंडल ने लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र के रुचि खंड स्थित सालेह नगर गांव का दौरा किया। यहां हार्न बजाने को लेकर हुई कहासुनी की मामूली घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। प्रतिनिधि मंडल में रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब, शकील कुरैशी, परवेज सिद्दीकी, गुफरान सिद्दीकी, इमरान अंसारी, रॉबिन वर्मा शामिल रहे।
सालेह नगर मोहल्ले के ही रहने वाले फुरकान बताते हैं कि 30 जुलाई की शाम लगभग आठ-साढ़े आठ बजे चंदू नाम का लड़का बाइक से रुचि खंड 1 में जा रहा था। हार्न बजाने को लेकर बजरंग दल के लोगों ने उसको रोका और गाली गलौज करते हुए पीटा।

बाद में चंदू ने पूरा वाकया अपने भाइयों चांद बाबू, सारिक और आसिफ को बताया। दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई और मामला शान्त हो गया। लेकिन थोड़ी देर बाद भगवा कपड़ा पहने 20-25 लोग असलहे लहराते हुए गांव में घुसे। पथराव किया और मुस्लिम समुदाय के लोगों पर हमला बोला। हमलावरों में शशांक शेखर गहलोत, अविनाश सिंह भदौरिया, कपिल तिलकधारी, सूरज तिवारी, सागर शुक्ला, विजेंद्र पाठक, रेशव ठाकुर आदि शामिल थे। मरहूम जाकिर अली की पत्नी शहनाज बानो ने बताया कि 30 जुलाई की रात लगभग ग्यारह-साढ़े ग्यारह बजे खाना खाने के बाद उनके बच्चे घर के बाहर टहल रहे थे तभी पुलिस के साथ बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग आ धमके।

बच्चों के टहलने पर एतराज जताया और उन्हें जबरदस्ती थाने ले जाने की कोशिश करते हुए घर में घुस गए। मोहल्ले से सूफियान, आमिर, वश्से समेत साइकिल रिपेयर का काम करने वाले चार अन्य को पकड़ लिया। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि 31 जुलाई और 1अगस्त की रात बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोगों ने मोटर साइकिलों पर सवार होकर मोहल्ले में जय श्री राम और मुसलमानों भारत छोड़ो के नारे लगाए। मुस्लिम घरों के सामने जमा होकर धमकी दी कि भारत में रहना है तो हमारी सुननी पड़ेगी। इससे मोहल्ले में दहशत फैल गई। इस वजह से उनके पति को 1 अगस्त को दिल का दौरा पड़ गया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग अभी भी मोहल्ले में आकर नारे लगाते हैं। मृतक के पुत्र फिरोज अली ने बताया कि हम डर के माहौल में जीने को मजबूर हैं। भगवा गिरोह कहता है कि मुसलमानों ने देश विरोधी नारे लगाए और उन पर फायरिंग की लेकिन मोहल्ले के लोग इस आरोप को सरासर झूठ और बेबुनियाद बताते हैं। कहते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को जबरदस्ती फंसाया गया है।

लगभग 50 साल की संतोष इसी मोहल्ले की मूल निवासी हैं। कहती हैं कि आज तक यहां कभी हिन्दू-मुसलमान जैसा नहीं हुआ। मुसलमानों को बदनाम करने की नीयत से मोहल्ले के लोगों को फंसाया जा रहा है। बजरंग दल और भगवा रक्षा वाहिनी के लोग बवाल चाहते हैं। उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं। इसलिए कि पुलिस उनके साथ खड़ी है। मोहल्ले के ही 20 वर्षीय अंकुर ने बताया कि मरने वाले जाकिर को वो नाना कहा करते थे। भरी आंखों से घटना के बारे में बताते हुए कहते हैं कि दहशत भरा ऐसा माहौल आज तक नहीं देखा। 25 वर्षीय न्यूज पेपर हॉकर आशीष द्विवेदी बताते हैं कि उस रात पुलिस घूम-घूम कर मुस्लिम लड़कों को पकड़ रही थी। जबकि बजरंग दल के लोग अराजकता मचा रहे थे। राज मिस्त्री का काम करने वाले गांव के ही मूल निवासी 50 वर्षीय रामकुमार ने दुखी मन से बताया कि उनके मोहल्ले में आज तक कभी हिन्दू मुसलमान जैसा कुछ नहीं हुआ। पुलिस ने पूरे गांव में दहशत मचा दी।

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