Breaking News

फेमा और एफडीआई नीतियों के उल्लधंन का दोषी है एमेजॉन : कैट

कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश का स्वागत किया जिसमें कोर्ट ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के लिए एमेजॉन को जिम्मेदार ठहराया था। सोमवार को एक फैसले में कोर्ट ने पहली नजर में एमेजॉन को सरकार की एफडीआई नीति के प्रावधानों के उल्लंघन मामले में भी उत्तरदायी माना था।

सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह फैसला सीएआईटी के रुख की पुष्टि करता है। हमारा लंबे समय से मानना है कि एमेजॉन सरकार की एफडीआई नीति का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है। एमेजॉन अपने लाभ के लिए कानूनों का तोड़- मरोड़ कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय और अन्य संवैधानिक अधिकारियों को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि कानूनों का दुरुपयोग रोका जा सके। ”

खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स के माध्यम से भारत के रिटेल बिजनेस को नियंत्रित करने और उस पर हावी होने के लिए एमेजॉन जो जोड़ तोड़, जबरदस्ती, मनमानी और तानाशाही नीतियां अपना रहा है वह अब समाप्त होनी चाहिए।

एमेजॉन ने मनमाने तरीके से फ्यूचर कूपन लिमिटेड पर प्रभुत्व जमा कर फ्यूचर रिटेल का नियंत्रण हासिल कर लिया है और वह भी बिना किसी सरकारी मंजूरी के, अभाव में। व्यापारी संगठन के अनुसार यह फेमा और एफडीआई नियमों के खिलाफ है।

हाल ही में सीएआईटी ने फ्यूचर ग्रुप और एमेजॉन के सौदे की वाणिज्य मंत्री, वित्त मंत्री, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी और आरबीआई से शिकायत की थी। एमेजॉन पर कार्यवाही की मांग करते हुए सीएआईटी ने शिकायत के साथ कई सबूत और दस्तावज भी संबंधित अधिकारियों को सौंपे थे।

सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि रिलायंस को सौदे की मंजूरी देने वाला FRL बोर्ड रिज़ॉल्यूशन मान्य है और पहली नजर में वैधानिक प्रावधानों के अनुसार है। एमेजॉन ने इसे अमान्य करार दिया था। 132 पेज के अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि एमेजॉन ने फेमा और एफडीआई के नियमों का उल्लधंन किया है। एमेजॉन ने विभिन्न समझौते करके FRL पर नियंत्रण करने की कोशिश की जिसे सही नही ठहराया जा सकता।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडायरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने इस साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप के रीटेल एंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण का ऐलान किया था। इस डील के बाद फ्यूचर ग्रुप के 420 शहरों में फैले हुए 1,800 से अधिक स्टोर्स तक रिलायंस की पहुंच बन जाती। यह डील 24713 करोड़ में फाइनल हुई थी।

Loading...

Check Also

बिहार के आंत्रप्रेन्योर्स को ब्रैंड बनाने के लिए स्ट्रैटराइज़ कंसल्टिंग और सीआईएमपी-बीआईएफएफ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये

यह साझेदारी, स्टार्टअप्स और आंत्रप्रेन्योर्स के लिए बिहार को सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में ...