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दिल्ली: HC ने एमसीडी को लगाई फटकार, कहा- डॉक्टर्स को सैलरी देने का भी वक्त नहीं

अशाेेेक यादव, लखनऊ। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी स्व बढ़ रहा है। इसके बावजूद डॉक्टर जान जोखिम में डालकर इलाज कर रहे है। लेकिन डॉक्टरों को सैलरी न मिलने का मामला सामने आया है। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नगर निगम को फटकार लगाई है।

कस्तूरबा हॉस्पिटल और बाड़ा हिंदू राव हॉस्पिटल में डॉक्टरों को चार माह से सैलरी नहीं मिली है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आप इतने व्यस्त हैं कि डॉक्टर्स को तनख्वाह देने का वक्त भी आपके पास नहीं है?

उच्च न्यायालय ने कहा कि हम रेजिडेंट डॉक्टर्स को लेकर फिक्र बंद है। जिनकी संख्या 300 से ऊपर है। इनकी हर महीने की तनख्वाह 2 करोड़ 10 लाख रुपए बनती है। वहीं एमसीडी ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 10 करोड़ रुपये है और 17 से 18 करोड़ रुपये डॉक्टरों को तनख्वाह देने के लिए चाहिए।

नगर निगम ने कहा कि हम एक हफ्ते में सात-आठ करोड़ रुपए और अरेंज करके डॉक्टर्स की तनख्वाह का भुगतान कर देंगे। उसने कोर्ट को कहा कि फिलहाल हमारे पास फंड की बेहद कमी है। कोरोना के चलते प्रॉपर्टी टैक्स से लेकर पार्किंग टैक्स तक में भारी कमी आई है। जिसके चलते हम फंड क्रंच से जूझ रहे हैं।

न्यायालय में एमसीडी ने कहा कि यह सच है कि पिछले कुछ महीनों से हम डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन डॉक्टरों को कोरोना के इस वक्त में हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने कहा दिल्ली सरकार और आप मिलकर तय करिए कि डॉक्टरों को तुरंत तनख्वाह कैसे दी जा सकती है।

बता दें कि एमसीडी के अधीन आने वाले हिंदू राव हॉस्पिटल और कस्तूरबा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को तीन-चार महीने से सैलरी नहीं मिली है। इस वजह से डॉक्टरों के सामने आर्थिक समस्या आ खड़ी हुई है। डॉक्टरों ने 18 जून तक सैलरी न मिलने पर सामूहिक इस्तीफे की पेशकश की थी। इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया।

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