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दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की सहायता के लिए किया गया सोसाइटी का गठन

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के याचिकाकर्ताओं को मामूली शुल्क पर कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक विधिक सहायता सोसाइटी का गठन किया गया है। सोसाइटी के शासी निकाय के सदस्य अधिवक्ता अनुराग अहलुवालिया ने कहा कि इसका उद्देश्य 60,000 रुपये प्रति माह या 7.5 लाख रुपये प्रति वर्ष आय वर्ग के याचिकाकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में मामूली शुल्क भुगतान पर कानूनी सहायता प्रदान करना है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल ने पिछले महीने दिल्ली उच्च न्यायालय (मध्यम आय समूह) विधिक सहायता सोसाइटी के कार्यालय का उद्घाटन किया। सोसायटी के शासी निकाय में मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति पटेल और अध्यक्ष, न्यायमूर्ति विपिन सांघी समेत 12 सदस्य शामिल हैं।

सोसायटी के एक बयान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य उन याचिकाकर्ताओं को कानूनी सहायता प्रदान करना है जो विधिक सेवा प्राधिकरण कानून, 1987 के तहत कानूनी सहायता के पात्र नहीं हैं, लेकिन उन्हें अपने मामूली साधनों के कारण कानूनी सहायता की आवश्यकता है। सेवाओं में अदालत में पेशी, याचिका तैयार करने, परामर्श लेने की सुविधाएं शामिल हैं।

सोसाइटी की सेवाओं का लाभ उठाने के लिए याचिकाकर्ता को एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होगा जो पूरे मामले के लिए 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक होगा। देश भर में प्रत्येक उच्च न्यायालय में सोसाइटी के गठन के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार इसका गठन किया गया है।

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