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दिल्ली में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरुआत, अब लोग अपनी कार में बैठे-बैठे भी वैक्सीन लगवा सकेंगे

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के द्वारका सेक्टर-12 स्थित आकाश अस्पताल में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरुआत की जिससे अब लोग अपनी कार में बैठे-बैठे भी वैक्सीन लगवा सकेंगे। केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन सेंटर शुरू होने से लोगों को काफी मदद मिलेगी।

आने वाले कुछ दिनों के अंदर दिल्ली में और भी कई ड्राइव थ्रू सेंटर शुरू किए जाएंगे। दिल्ली में वैक्सीन की बहुत ज्यादा कमी हो गई है। अट्ठारह से 44 साल के युवाओं के लिए वैक्सीन खत्म हो गई। यह समय वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने का था, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते दिल्ली समेत पूरे देश में सेंटर बंद होते जा रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्दी से जल्दी युद्ध स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी, ताकि सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंटर आकाश हेल्थ केयर के साथ मिल कर शुरू किया गया है। इससे दिल्ली में लोगों को काफी मदद मिलेगी। अगले कुछ दिनों के अंदर इसी तरह के ड्राइव थ्रू सेंटर और भी शुरू होने वाले हैं, जिससे लोगों को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “ इस समय दिल्ली में वैक्सीन आपूर्ति की दिक्कत आ रही है।

वैक्सीन की बहुत ज्यादा कमी हो गई है। अट्ठारह से 44 साल के युवाओं के लिए वैक्सीन दिल्ली में खत्म हो गई है, लेकिन अभी 44 साल से ऊपर वाले ग्रुप के लिए सरकार ने अभी कोविशील्ड वैक्सीन थोड़े दिनों के लिए बंद की है। मैं उम्मीद करता हूं कि केंद्र सरकार भी प्रयास कर रही है कि जल्दी से दिल्ली को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन मिलेगी, ताकि हम वैक्सीनेशन की कम हुई गति को बढ़ा सकेंगे।

दिल्ली में वैक्सीनेशन के लगभग सारे केन्द्र बंद हो गए हैं। यह स्थिति सिर्फ दिल्ली में ही नहीं है, बल्कि पूरे देश भर में ऐसा देखा जा रहा है। देश भर में कई राज्यों के अंदर सेंटर बंद होते जा रहे हैं। यह तो ऐसा समय था, जब हमें केन्द्र बढ़ाने चाहिए थे। हमें ज्यादा से ज्यादा केन्द्र खोलने चाहिए थी, लेकिन देश भर में केन्द्र बंद हो रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्दी से जल्दी युद्ध स्तर पर वैक्सीन की आपूर्ति की जाएगी, ताकि सभी को वैक्सीन लगाई जा सके।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “ हमने केंद्र सरकार को लिखा है कि दिल्ली को प्रतिमाह कम से कम 80 लाख वैक्सीन चाहिए और हमने कई बार उस लेटर को दोबारा भी भेजा हैं। मैंने खुद प्रधानमंत्री को लिखा है। इसके अलावा, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी लिखा है, लेकिन अभी तक वैक्सीन की कमी तो है ही।

लॉकडाउन के सवाल पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को असीमित समय के लिए तो नहीं बढ़ाया जा सकता है। लोगों की आर्थिक गतिविधियां खत्म हो रही है। लोगों के काम-धंधे बंद हो रहे हैं। आने वाले दिनों में हम कितना लॉकडाउन खोलेंगे और कैसे खोलेंगे, यह देखेंगे।” उन्होंने कहा, “ अगर लॉकडाउन को वैक्सीनेशन से जोड़ दिया जाए, तो वैक्सीनेशन में पता नहीं अभी कितने दिन लगेंगे। ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन सेंटर छत्रसाल में शनिवार को खुल रहा है। इसके अलावा एक-दो प्राइवेट अस्पतालों में सेंटर खुलने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन सेंटर तो हम जितनी मर्जी चाहें, उतने हर एरिया में खोल देंगे, लेकिन दिक्कत वैक्सीन की है। वैक्सीन होगी तभी तो हम वैक्सीनेशन सेंटर खोलेंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मॉडर्ना और फाइजर दोनों ने कहा है कि उनकी वैक्सीन के ट्रायल हो चुके हैं और उनकी वैक्सीन बच्चों के लिए उपयुक्त है। लेकिन अभी तक हमारे देश में उन दोनों वैक्सीन को इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं मिली है। मैं समझता हूं कि केंद्र सरकार को इसमें अब देरी नहीं करनी चाहिए और जितनी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन उपलब्ध हैं, सबको हमारे देश के अंदर इस्तेमाल करने की इजाजत हो, खासतौर पर बच्चों के लिए जो उपयुक्त वैक्सीन मिल रही हैं।

सीएम ने बताया कि मीडिया में रिपोर्ट के अनुसार यह दोनों वैक्सीन बच्चों के लिए उपयुक्त हैं। ज्यादा से ज्यादा इन वैक्सीन को खरीद कर हमारे बच्चों को लगाई जानी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि स्पूतनिक वैक्सीन के लिए बातचीत चल रही है। कल भी स्पूतनिक के साथ दिल्ली सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई। वे वैक्सीन देना चाहते हैं, लेकिन कितनी वैक्सीन देंगे, इस पर अभी बातचीत चल रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में ब्लैक फंगस के करीब 620 मामले हो चुके हैं, लेकिन हमें दवाई नहीं मिल रही है। सोमवार को भी 400 के करीब खुराकें मिली थीं और कल भी करीब 400 खुराकें मिली थीं, जबकि एक दिन में एक मरीज को करीब छह इंजेक्शन लगाने होते हैं। अगर 600 मरीज हैं, तो हमें प्रतिदिन 3500 इंजेक्शन चाहिए, लेकिन हमें केवल 400 इंजेक्शन ही मिल पा रहे हैं। इस वजह से ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में काफी दिक्कत आ रही है।

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