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दक्षिणी हिंद महासागर से सुरक्षित बचाये गये कमांडर अभिलाष टॉमी, नाव का स्तंभ टूटने से तीन दिन से घायल अपनी नाव में समुद्र में फंसे हुए थे

लखनऊ : भारतीय नौसेना के कीर्ति चक्र से सम्मानित कमांडर अभिलाष टॉमी को सोमवार को दक्षिणी हिंद महासागर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। गोल्डन ग्लोब में हिस्सा लेने के दौरान समुद्र में तेज लहरें उठने से उनकी नाव का स्तंभ टूट गया था जिसकी वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वह तीन दिन से घायल अपनी नाव में समुद्र में फंसे हुए थे।
गोल्डन ग्लोब समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर काटने वाली रेस है, जिसमें प्रतिभागी अपने नाव पर अकेले होते हैं। टॉमी का नाव पर्थ से 1,900 नॉटिकल मील की दूरी पर तूफान की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अधिकारियों ने बताया कि टॉमी अपने दुर्घटनाग्रस्त नाव थूरिया पर गंभीर चोट के साथ जिंदगी और मौत की जंग समुद्र में लड़ रहे थे।

इस बचाव मिशन की देखरेख ऑस्ट्रेलिया रेस्क्यू कॉर्डिनेशन सेंटर सहित कई अन्य एजेंसियां ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग और भारतीय नौसेना की सहायता से कर रही थीं। अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना ने बचाव मिशन के लिए अपना पी-8आई विमान तैनात कर रखा था। इस अभियान में फ्रांस का पोत ओसिरिस भी तैनात किया गया था।
टॉमी कीर्ति चक्र विजेता भी रह चुके हैं और स्वदेश निर्मित नौकायन पोत एस वी थुरिया पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। फ्रांसीसी जहाज को उन तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। टॉपी का पोत भी बुरी तरह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

उन्हें बचाने के लिए भारतीय नौसेना ने आईएनएस सतपुरा, चेतक हेलीकॉप्टर, आईएनएस ज्योती और पी-81 विमान को लगया था। जिस जगह वह फंसे हुए थे वह ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से 1900 नॉटिल मील की दूरी पर है।

फ्रांस के ली सेबल्स डी ओलोन से जारी खबर के मुताबिक शुक्रवार को आए तूफान में 14 मीटर ऊंची लहरों और 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने भारतीय नौसेना के अभिलाष टॉमी के जहाज का मस्तूल पलट दिया था। टॉमी संदेशों के जरिए फ्रांस में मौजूद रेस आयोजकों के साथ संपर्क में थे। वह चल पाने में सक्षम नहीं थे।

गोल्डन ग्लोब रेस में नाव के माध्यम से 30,000 मील की एकल विश्व यात्रा की जाती है। इसमें वही नौकाएं इस्तेमाल की जाती हैं जो 50 साल पहले इस रेस में इस्तेमाल हुई थीं।

इसमें कोई भी नई तकनीक इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती, सिवाय संचार के उपकरणों के। अभिलाष का नौकायन पोत भी पहली गोल्डन ग्लोब रेस के विजेता रॉबिन नॉक्स जॉन्स्टन के पोत सुहेली की नकल है।

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