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एक अच्छे खिलाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसका स्वस्थ होना हैं

ग्वालियर: लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर में बुधवार (21-03-18) को खेल प्रबंधन व कोचिंग विभाग द्वारा वाॅलीबाल, बास्केटबाॅल व जिम्नास्टिक में “कोचिंग, ट्रेनिंग व आॅफिसिएटिंग” पर आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रातःकालीन सत्र में खेल विशेषज्ञों ने अपने खेलों के मूल सिद्धान्तो, अवधारणाओं व तकनीक पर व्याख्यान दिया। बी. बयास्कर (कोच, भारतीय जिम्नास्टिक टीम) ने जिम्नास्टिक व्यायामों के क्षेत्रीय, राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय प्रतियोगिताओ के मूल्यांकन पर व्याख्यान देते हुए कहा कि निर्णायक मंडल व कोच को सभी नवीन नियमों, तकनीकी सूचनाओं व नियमों की जानकारी होनी चाहिए साथ ही उन्हें प्रतिभागियों को भी प्रतियोगिताओं के दौरान इसकी जानकारी देनी चाहिए। बयास्कर ने जिम्नास्टिक के कोड आॅफ प्वाइंटस 2017-18 के नए नियमों की जानकारी दी और कहा कि रोल आउट स्किल को कोड आॅफ प्वांइटस से हटा दिया गया हैं। जिम्नास्टिक में स्कोरिंग के तरीके में भी बदलाव किया गया हैं अब स्कोर पूरा लिखने के जगह पर उसे प्रतीकों के माध्यम से कोड किया जाएगा जिससे कि निर्णायक मंडल को खिलाड़ी के प्रदर्शन का आंकलन कर निर्णय लेने में आसानी हो। बयास्कर ने प्रतियोगिताओं के दौरान कोच के अधिकार के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि प्रत्येक कोच को यह अधिकार हैं कि वह अपने खिलाड़ियों पर आए निर्णय की आंकलन करें कि निर्णायक मंडल ने सही निर्णय दिया हैं या नही, बोर्ड पर सही स्कोर प्रदर्शित किया गया हैं या नहीं, इत्यादि।

एस.आर.एस.एस.पी रायडु (केंद्र प्रभारी, एस.ए.आई, यनम पुदुचेरी) ने बास्केटबाॅल के अपने व्याख्यान में बास्केटबाॅल के उत्पत्ति व वर्तमान के अहम बदलावों व नियमों पर व्याख्यान दिया। रायडु ने प्रतिभागियों को बताया कि वजन प्रबंधन व न्युट्रिशन का बास्केटबाॅल खिलाड़ियों के प्रदर्शन में अहम भूमिका हैं।

शैलेन देव रामडु (अनुदेशक, एफआईवीबी, कालाजोकी, फिनलैंड) ने वाॅलीबाल में नवीन तकनीकों व खेल के भौतिक आयामों पर व्याख्यान दिया। रामडु नवीन तकनीक की चर्चा करते हुए टेबलेटस् के बारे में प्रतिभागियों को बताया और कहा कि अब रेफरी के निर्णय को चुनौती देने व स्थानापन्न खिलाड़ी को ग्राउंड में लाने के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा।

काॅमन सत्र का बुधवार (21-03-18) का व्याख्यान प्रो. एल.एन. सरकार (विभागाध्यक्ष, स्वास्थ शिक्षा विभाग) ने लिया जिसमें प्रो. सरकार ने स्वास्थ, स्वच्छता व खेल के बारे में चर्चा की। प्रो. सरकार ने प्रतिभागियों को बताया कि एक अच्छे खिलाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसका स्वस्थ होना हैं यदि खिलाड़ी स्वस्थ नही तो वह अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएगा और स्वस्थ होने के लिए उसका स्वच्छ-साफ वातावरण में होना आवश्यक हैं। खिलाड़ियों को अपने इन आदतों के साथ ही अपने खानपान के आदतों का भी ख्याल रखना आवश्यक हंैं। क्या खाना हैं, कब खाना हैं व कैसे खाना हैं इसका ध्यान रखना भी अत्यंत ही आवश्यक। खिलाड़ियों को डिहाइडेªशन से भी बचना चाहिए और जल की आवश्यक मात्रा का संतुलन बनाए रखने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर 200 से 300 एम.एल पानी पीना चाहिए। खिलाड़ियों को अपने पोशाकों को विशेषतः हमेशा साफ रखना चाहिए।

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