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कोर्ट में आखिरी दिन प्रधान न्यायाधीश के तौर पर भावुक हुए दीपक मिश्रा, वकील को गाने से रोका

लखनऊ : जस्टिस दीपक मिश्रा ने भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर सोमवार को आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट की कमान संभाली. करीब 25 मिनट तक चली कार्यवाही के दौरान मिश्रा काफी भावुक नजर आए. बेंच में उनके साथ जस्टिस रंजन गोगोई और एएम खानविलकर भी मौजूद रहे. जस्टिस गोगोई मिश्रा के बाद सीजेआई का पद संभालने वाले हैं.कार्यवाही के बाद एक वकील ने मिश्रा की लंबी उम्र की कामना के लिए बॉलीवुड का ‘तुम जियो हजारो साल…’ गाना शुरू कर दिया. उन्हें बीच में ही रोकते हुए मिश्रा ने कहा, ‘अभी मैं अपने दिल से बोल रहा हूं, शाम को दिल से जवाब दूंगा.’

पिछले दस दिन में सुप्रीम कोर्ट ने आधार, समलैंगिकता, एडल्टरी और सबरीमला विवाद जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसले दिए. सीजेआई ने इन सभी मुद्दों पर फैसला सुनाने वाली बेंचों की अध्यक्षता की थी. पीठ ने कहा कि सोमवार को वह तत्काल सुनवाई वाला कोई मामले नहीं लिया जायेगा. ऐसे मामलों में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने 3 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आरपी लूथरा ने सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह तथा एडवोकेट प्रशांत भूषण के सीजेआई मिश्रा के खिलाफ किए गए दो कथित विवादित ट्वीट का जिक्र किया. इनमें भीमा-कोरेगांव मामला समेत जस्टिस मिश्रा के हाल के फैसलों की आलोचना की गई थी. लूथरा ने कहा कि अदालत कथित विवादित ट्वीटों का संज्ञान ले. लेकिन इस पर पीठ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

जज के तौर पर जस्टिस मिश्रा का सफर
जस्टिस मिश्रा को 17 जनवरी 1996 को उड़ीसा उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद उनका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में तबादला हो गया था. वह 19 दिसंबर 1997 को स्थायी न्यायाधीश बने थे. उन्होंने 23 दिसंबर 2009 को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया था. वह 24 मई 2010 को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने थे. वह 10 अक्टूबर 2011 को प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और 28 अगस्त 2017 को देश के प्रधान न्यायाधीश बने थे.

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