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कोरोना संकट से निपटने के लिए एकता और भाईचारे की जरूरत, कोरोना हमला करने से पहले धर्म, जाति,रंग भाषा और सीमाएं नहीं देखता: प्रधानमंत्री मोदी

अशोक यादव, लखनऊ। देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए एकता और भाईचारे की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना हमला करने से पहले धर्म, जाति,रंग भाषा और सीमाएं नहीं देखता है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस ने कामकाजी जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। टेक्नॉलजी की मदद से घर से काम करने का अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने देश के युवाओं को दुनिया के लिए नया बिजनेस मॉडल और वर्क कल्चर तलाशने का टारगेट दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया अभी इसकी तलाश में है और भारत के युवा इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। पीएम ने कहा कि हर संकट कुछ अवसर लेकर आता है और कोरोना वायरस संकट भी इससे अलग नहीं है।

रविवार को लिंकडिन पर लिखे एक लेख में पीएम ने कहा, ‘आज दुनिया नए बिजनेस मॉडल की खोज में है। अभिनव उत्साह के लिए मशहूर भारत जैसा युवा देश नया वर्क कल्चर देने में अग्रणी बन सकता है।

मैं इस नए व्यवसाय और कार्य संस्कृति को निम्न वॉवेल्स में पुनर्परिभाषित करता हूं। मैं इन्हें न्यू नॉर्मल का वॉवेल्स कहता हूं। क्योंकि अंग्रेजी भाषा के वॉवेल्स की तरह कोविड-19 के बाद की दुनिया के लिए यह बिजनेस मॉडल आवश्यक तत्व बन जाएगा।’

पीएम मोदी ने कहा कि हमें ऐसे मॉडल की तलाश करनी होगी जिसमें उत्पादकता और दक्षता अधिक हो। एक निश्चित समय में टास्क पूरा करने पर जोर दिया जाए। पीएम मोदी ने ऐसे बिजनेस मॉडल के तलाश की अपील की जो गरीबों और जरूरतमंदों के कल्याण से जुड़ा हो।

पीएम मोदी ने कहा कि मानवीय गतिविधि में कमी से पर्यावरण पर अच्छा असर हुआ है। ऐसी तकनीक के विकास को लेकर बहुत संभावनाएं हैं जिससे हमारा प्रभाव पृथ्वी पर कम हो।  

पीएम मोदी ने कहा कि कोविड 19 ने हमें अहसास कराया है कि समय की मांग ऐसे स्वास्थ्य समाधानों को तलाशने की है जो सस्ता और बड़े पैमाने पर उपलब्ध हो सके। हम मानवता की भलाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वैश्विक प्रयासों को रास्ता दिखा सकते हैं।

पीएम ने कहा कि हम ऐसे प्रयोगों में निवेश कर सकते हैं जिससे किसानों को किसी भी परिस्थिति में अधिक सूचना, मशीनरी और बाजार मिले ताकि नागरिकों को जरूरत का सामान मिल सके। 

पीएम मोदी ने कहा, ‘हर संकट अपने साथ कुछ संभावनाएं लाता है। कोविड-19 भी इससे अलग नहीं है। आइए तलाशें कि नई संभावनाएं और ग्रोथ के नए क्षेत्र कौन से हो सकते हैं।

भारत कोविड-19 के बाद की दुनिया में आगे हो। हमें सोचना चाहिए कि किस तरह हमारे लोग, योग्यता और क्षमताओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।’

पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 संक्रमित करने से पहले धर्म, जाति, रंग, भाषा, सीमा आदि नहीं देखता। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया भी एकता और भाईचारे से जुड़ी होनी चाहिए।

पीएम ने कहा कि भारत से निकलने वाले विचार दुनियाभर में प्रासंगिक और लागू किए जाने लायक हों। उनमें ना केवल भारत, बल्कि पूरी मानवता के लिए सकारात्मक बदलाव की क्षमता हो। 

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