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कश्मीर समस्या नेहरू की देन, 72 वर्षों के बाद नमो ने सुधारा: सुशील मोदी

पटना: पटना स्थित एसके मेमोरियल हाॅल में रविवार को भाजपा की ओर से आयोजित ‘अनुच्छेद 370 को हटाना एक ऐतिहासिक भूल सुधार’ विषयक सभा को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू की 5 गलतियों की वजह से कश्मीर की समस्या विकराल बनी थी जिसे 72 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने सुधारी है. कतिपय कश्मीरी नेताओं की नजरबंदी और वहां इंटरनेट व मोबाइल सेवा सीमित समय के लिए रोकने पर सवाल उठाने वालों को भी श्री मोदी ने करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या के लिए पं. नेहरू की पांच गलतियां जिम्मेवार हैं. अगर पं. नेहरू की जगह कश्मीर मामला पटेल के हाथ में रहता तो यह समस्या कब की खत्म हो गयी रहती.  जब महाराजा हरि सिंह ने पाकिस्तानियों के हमले के बाद सैन्य सहायता मांगी तो पं. नेहरू ने विलय प्रस्ताव की शर्त लगा कर सेना भेजने में देर कर दी. महाराजा के बिना शर्त विलय प्रस्ताव के बावजूद पं. नेहरू ने कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की घोषणा कर दी, कश्मीर के द्धिपक्षीय मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ में ले जाकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया तथा उनकी पांचवीं गलती यूएनओ के दबाव में युद्धविराम की घोषणा थी. अगर भारतीय सेना को और दो दिन का मौका मिला होता तो आज कश्मीर का दो-तिहाई भाग पाकिस्तान के कब्जे में नहीं रहता. श्री मोदी ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर कहे जाने वाले शेख अब्दुला को 13 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार ने नजरबंद करके रखा. यूपीए की सरकार ने 10 वर्षों तक कश्मीर में इंटरनेट जाने नहीं दिया

. जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी तो कश्मीर में इंटरनेट सेवा शुरू हुई. आतंकी सरगना बुरहान बानी की मौत के बाद 5 महीने तक इंटरनेट व मोबाइल सेवा बंद रखी गयी थी. देश के किसी भी हिस्से में हिंसा, उपद्रव, दंगा आदि की स्थिति में क्या इंटरनेट और मोबाइल सेवा नहीं रोकी जाती हैं? कश्मीर के हालात की इमरजेंसी से तुलना करने वालों पर बरसते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए देश में सेंसरशीप लगा दिया था मगर प्रचंड बहुमत से दोबारा सरकार में आए नरेंद्र मोदी ने देशहित में कुछ सीमित समय के लिए कश्मीर में ऐहतियातन उपाय किए हैं. अनुच्छेद 370 हटा कर नमो सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है.

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