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उपचुनाव से पहले तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं अखिलेश यादव

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। मायावती से गठबंधन टूटने के बाद समाजवादी पार्टी बसपा को करारा जवाब देने की तैयारी में है। दरअसल, खबरे हैं कि कार्यकर्ता मायावती द्वारा दगा दिए जाने से आहत है, जिसके चलते उन्होंने अखिलेश यादव के सामने तीसरे मोर्चे का सुझाव रखा है। अखिलेश ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई, जिसमें कई जिलों के कार्यकर्ताओं से चर्चा की गई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 2022 के मिशन को कामयाब बनाने पर भी चर्चा की। साथ क्षेत्रीय संगठन के बारे में भी जानकारियां बटोरी। सपा अध्यक्ष से मुलाकात करने के बाद निसार अहमद ने बताया कि उपचुनावों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और बूथ कमेटियों को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिए गए।

वहीं इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने तीसरे मोर्चे का भी सुझाव नेतृत्व के सामने रखा है। साथ ही मायावती को करारा जवाब देने की बात कही है। बता दें कि, मायावती सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद बैठकें कर उपचुनाव की तैयारी कर रही हैं। वहीं इस मामले में अखिलेश की क्या रणनीति क्या होगी इसका पार्टी कार्यकर्ताओं का अब भी इंतजार है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोकदल (त्स्क्) ने गठबंधन किया था। चुनाव परिणाम में बसपा को जहां 10 सीटों का फायदा हुआ था वहीं सपा को 5 सीटें मिली थीं। हालांकि, सपा को परिवार की 2 सीटों से हाथ धोना पड़ा था।

वहीं रालोद का खाता भी नहीं खुल सका था। इसके बाद मायावती ने गठबंधन खत्म करने का ऐलान किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन 2012-17 में सपा सरकार के बसपा व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून-व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया। परंतु लोकसभा आम चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेंट के हित में अब बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।

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