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आईटीआर फाइल कर वेरीफाई नहीं किया तो भुगतना पड़ सकता है गंभीर खामियाजा

नई दिल्ली। यदि आपने 31 दिसंबर से पहले वित्तीय साल 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया है लेकिन सत्यापन अभी बाकी है तो आपको इसे जल्द से जल्द कर देना चाहिए। आपको बता दें अगर कोई सत्यापन नहीं हुआ तो रिटर्न की कोई प्रक्रिया नहीं मानी जाएगी। आमतौर आप आयकर रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करने के 120 दिनों के भीतर अपने रिटर्न को सत्यापित कर सकते हैं लेकिन कई बार लोग रिटर्न दाखिल करने के बाद इसे भूल जाते हैं। यह गलती भारी पड़ सकती है।

आयकर विभाग ने अपने 28 दिसंबर 2021 के सर्कुलर में बताया कि साल 2020-21 के लिए कई ई-रिटर्न प्रोसेस नहीं हुए हैं क्योंकि वे ‘सत्यापित’ नहीं थे। इसलिए, इसने ऐसे करदाताओं को 28 फरवरी, 2022 तक की एक विंडो दी गई है। ऐसे करदाताओं को अपनी देरी को सही ठहराने के लिए जवाब देना पड़ सकता है। वेरीफाई को छोड़ने के परिणाम खराब हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए, जब तक यह सत्यापित नहीं हो जाता, तब तक इसे आयकर विभाग द्वारा प्रोसेस के लिए नहीं लिया जाएगा। इसलिए यदि आपका कोई रिफंड है तो इसमें देरी होगी। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि रिटर्न (120-दिन की अवधि के दौरान) को सत्यापित करने में विफल होने पर विभाग इसे अमान्य रिटर्न मान सकता है। 

रिटर्न को सत्यापित करने के लिए आपके पास दो तरीके हैं – भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक। पारंपरिक, भौतिक मोड में फॉर्म आईटीआर-वी (पावती) फॉर्म डाउनलोड करना शामिल है। आप या तो आयकर रिटर्न ई-फाइलिंग वेबसाइट से या भेजे गए ईमेल से- इस पर हस्ताक्षर कर आपको इसे इनकम टैक्स को भेजना होगा। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक मोड सरल और तेज़ है।

यह मोड कई विकल्प प्रदान करता है। वेरीफाई के लिए- ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग ऑन करिए, ओटीपी जनरेट करने के लिए अपने आधार नंबर का उपयोग कर सकते हैं या इसे अपने नेटबैंकिंग खाते के माध्यम से कर सकते हैं। आप अपने पूर्व-मान्य बैंक खाते, डीमैट खाते या बैंक एटीएम का उपयोग करके भी इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) जेनेरेट कर सकते हैं।

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