Breaking News

अयोध्या विवादः वकील को धमकी देने वाले के खिलाफ अवमानना का मामला खत्म

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में मुस्लिम पक्षकारों की पैरवी करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को आपत्तिजनक पत्र लिखने वाले 88 वर्षीय सेवानिवृत्त लोकसेवक के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि इस वयोवृद्ध व्यक्ति ने धवन को लिखे पत्र में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर खेद व्यक्त कर दिया है। पीठ ने उसे आगाह किया कि भविष्य में इस तरह की हरकत की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। राजीव धवन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह इस सेवानिवृत्त लोक सेवक के लिए किसी प्रकार का दंड नहीं चाहते, लेकिन पूरे देश में यह संदेश जाना चाहिए कि किसी भी पक्ष की ओर से पेश होने वाले किसी वकील को इस तरह से धमकी नहीं दी जानी चाहिए। षणमुगम ने पत्र में धवन को कथित रूप से धमकी देते हुए कहा था कि रामलला के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों की ओर से मामला हाथ में लेने की वजह से वह शारीरिक रूप से कष्ट भोगेंगे। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में धवन सुन्नी वक्फ बोर्ड और एम सिद्दीक की ओर से बहस कर रहे हैं। धवन ने अनुरोध किया था कि मामले में पेश तथ्यों के आधार पर संविधान पीठ को अनुच्छेद 129 और न्यायालय की अवमानना कानून की धारा 15 के तहत इसका स्वतरू संज्ञान लेना चाहिए।

Loading...

Check Also

हज़ारों नागरिकों ने चुनाव आयोग से हेट स्पीच के लिए पीएम मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, बांसवाड़ा / टोंक : राजस्थान के बांसवाड़ा एवं टोंक में प्रधानमंत्री ...