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अगले दौर की बातचीत से एक दिन पहले बोले किसान- कानूनों की कॉपियों को जलाकर मनाएंगे लोहड़ी, अपनी जिद छोड़े सरकार

अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों ने रविवार को फिर से कहा कि जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वे लोहड़ी के दिन कृषि कनूनों की प्रतियों को जलाएंगे। दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की सरकार के साथ बातचीत भी चल रही है, लेकिन अभी प्रमुख मांग पर सहमति बनते हुए आसार नहीं दिख रहे हैं। 

सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ”हम 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपियों को जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाएंगे।” किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा, ”आज किसान आंदोलन का 37वां दिन है, सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक हम वापस नहीं जाएंगे। यह अफसोसजनक बात है कि किसानों की जान जा रही है। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।”

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। पिछली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार ने किसानों की दो मुद्दों को मान लिया है। अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी। प्रेस को संबोधित करते हुए किसान नेता हरमीत सिंह ने कहा, ”कल होने वाली हमारी अगली बैठक में हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगे। यहां लगातार बारिश हो रही है। हम वॉटरप्रूफ टेंट्स इकट्ठे करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे स्टैंडर्ड के हिसाब से नहीं हैं। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए गर्म पानी और कंबल की भी व्यवस्था लगातार जारी है।”

सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने पंजाब की अमरिंदर सरकार से भी एक अपील की है। किसान नेता जंगवीर सिंह ने कहा, ”गन्ना की दर से संबंधित मांग पत्र पंजाब सरकार को दिया गया था, लेकिन 1.5 महीने बीत चुके हैं और पंजाब सरकार ने जवाब नहीं दिया है। पंजाब सीएम ने कहा कि 1 सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी की गई थी। हम पंजाब सरकार से इस मामले को देखने की अपील करते हैं।”

नए साल की शुरुआत के बाद से हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और रविवार को बारिश के कहर के बीच कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर डटे हुए हैं। बॉर्डर पर किसान किसी तरह अपने आप को ठंड से बचाने की जद्दोजहद में लगे रहे। बारिश से खुद को बचाने के लिए कुछ किसान भागकर टेंट और ट्रॉली के नीचे छिप गए। कड़ाके की ठंड के बीच हुई बारिश ने ठिठुरन और ज्यादा बढ़ा दी है। किसानों ने बारिश में भीगते हुए सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग की।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता अश्वनी शर्मा के कार्यक्रम के अवसर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। होशियारपुर में बीजेपी नेता तीक्ष्ण सूद के आवास के बाहर गोबर से भरी ट्रॉली उलटने की घटना के बाद जिलाध्यक्षों से मिलने व कार्यकतार्ओं का मनोबल बढ़ाने के सिलसिले की कड़ी में शर्मा पार्टी जिलाध्यक्ष रणदीप सिंह देओल से मिलने आए थे, लेकिन जैसे ही किसानों को पता चला, वहां पहुंच गए। पुलिस का भी काफी बंदोबस्त था व बैरिकेड लगाकर रखे गए थे। प्रदर्शनकारियों ने बैरीकेड तोड़ दिए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसमें कुछ किसानों को मामूली चोटें आईं।

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