
लखनऊ। होलिका दहन कार्यक्रम अब से कुछ देर बाद ही शुरू होने जा रहा है। वर्षों बाद इस बार होलिका दहन में भद्रा नहीं है यानी बहुत ही शुभ महुर्त में आज होलिका दहन होगा। पूरे भारत में कल धुलेंडी और रंगों की होली खेली जाएगी। 10 मार्च 2020 को रंग वाली होली मनाई जाएगी।
रंगों और उत्साह का पर्व होली आज होलिका दहन के साथ ही शुरू हो जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल से मध्यरात्रि से कुछ समय पूर्व तक है।
प्रदोष काल सूर्यास्त 6:42 बजे से लेकर निशामुख रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक है। होलिका दहन के दिन सुबह 6:08 मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है।
भद्रा को विघ्नकारक माना गया है। भद्रा में होलिका दहन करने से हानि और अशुभ फल मिलते हैं। इसी भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है।
होलिका दहन से पहले विधि विधान के साथ होलिका की पूजा करें। इस दौरान होलिका के सामने पूर्व या उतर दिशा की ओर मुख करके पूजा करने का विधान है।
पहले होलिका को आचमन से जल लेकर सांकेतिक रूप से स्नान के लिए जल अर्पण करें। इसके पश्चात कच्चे सूत को होलिका के चारों और तीन या सात परिक्रमा करते हुए लपेटना है। सूत के माध्यम से उन्हें वस्त्र अर्पण किये जाते हैं।
फिर रोली, अक्षत, फूल, फूल माला, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। पूजन के बाद लोटे में जल लेकर उसमें पुष्प, अक्षत, सुगन्ध मिला कर अघ् र्य दें। इस दौरान नई फसल के कुछ अंश जैसे पके चने और गेंहूं, जौं की बालियां भी होलिका को अर्पण करने का विधान है।
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