आगराः डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू ने भी शहर में दस्तक दे दी। मोती कटरा निवासी दस साल की बच्ची को स्वाइन फ्लू हुआ है। इस सीजन का यह पहला मामला है। लेकिन स्वाइन फ्लू पीड़ित इस बच्ची को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया। दवा के लिए भी परिजन तीन दिन तक चक्कर काटते रहे। घर पर ही बच्ची का इलाज चल रहा है। मोती कटरा निवासी सराफा व्यवसायी की दस साल की बेटी को बुखार आने पर 24 अगस्त को बाग फरजाना स्थित चिकित्सक को दिखाया गया। स्वाइन फ्लू की आशंका पर प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में जांच कराई। शनिवार रात को मिली जांच रिपोर्ट में इन्फ्लुएंजा ए एच1एन1 की पुष्टि हुई। इस पर चिकित्सक ने बच्ची को एसएन रेफर कर दिया। रविवार सुबह परिजन बच्ची को लेकर इमरजेंसी पहुंचे। यहां बाल रोग विभाग में दिखाया, लेकिन बच्ची को भर्ती नहीं किया। कहा गया कि आज छुट्टी है, सोमवार को आना।
दवा भी नहीं मिली। पिता का कहना है कि सोमवार को बच्ची को लेकर गए, लेकिन चिकित्सकों ने भर्ती न करने बात कह कर टरका दिया। दवा के लिए इमरजेंसी काउंटर भेज दिया। यहां दवा नहीं मिली, बताया गया कि एसएन के सेंट्रल स्टोर से दवा नहीं आई है, मंगलवार को आएगी। अगले दिन भी इमरजेंसी में दवा नहीं मिली और पर्चा देकर सेंट्रल स्टोर भेज दिया गया। यहां चिकित्सक को बुलाकर लाने के लिए कहा गया। इससे परेशान होकर परिजनों ने बाल रोग विभाग के अधिकारियों से शिकायत की, तब कहीं अपराह्न चार बजे दवा मिल सकी। पिता का कहना है कि तीन दिन तक दवा के लिए चक्कर कटवाते रहे। बच्ची को भर्ती भी नहीं किया, जबकि बच्ची को बुखार और उल्टी हो रही थी। घर पर ही बच्ची का इलाज चल रहा है। डॉ. जीके अनेजा, प्राचार्य का कहना है कि स्वाइन फ्लू की दवा सेंट्रल ड्रग स्टोर में हैं, इमरजेंसी भी रखवाई जा रही हैं। इमरजेंसी में दो बेड की व्यवस्था की गई है। मरीज को दवा के लिए चक्कर काटने पड़े और उसे भर्ती क्यों नहीं किया। इसके बारे में बाल रोग विभागाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।
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