लखनऊ : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे के समाधान की जरूरत पर जोर देते हुए आज कहा कि संविधान में हिंसा की कोई जगह नहीं है. राज्य विधानसभा के वर्ष भर चले हीरक जयंती समारोह के समापन के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद कोविंद ने कहा, ‘‘बहस, आपसी सम्मान और एक दूसरे के नजरिए का सम्मान करना केरल के समाज की पहचान रही है. इसके बावजूद केरल में खासकर राज्य के कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक हिंसा का विरोधाभास भी मौजूद रहा है.’’ हिंसा का हमारे संविधान में स्थान नहीं है

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह (राजनीतिक हिंसा) दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्य की वैभवशाली परंपरा और इसके लोगों के प्रति अन्यायपूर्ण है. सभी राजनीतिक समूहों और प्रबुद्ध नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है कि ऐसी प्रवृतियों को पनपने से रोकने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें.’’ उन्होंने कहा कि शासन-व्यवस्था में चर्चा, असहमति, असंतोष का स्वागत होना चाहिए. ‘‘लेकिन हिंसा का हमारे संविधान में स्थान नहीं है. यह उपयुक्त होगा अगर हम ‘लोकतंत्र के उत्सव’ में इस पर विचार करें.’’
केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लियाकार्यक्रम के पहले कोविंद ने विधानसभा परिसर में पौधरोपण भी किया. केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम, मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीतला और स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन समेत अन्य ने कार्यक्रम को संबोधित किया. अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा के विधायकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
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