उत्तराखंड: केदारघाटी की लाइफ लाइन और केदारनाथ धाम को जोड़ने वाला हाईवे बांसबाड़ा में पिछले पांच दिनों से बंद था जिसे गुरुवार दोबारा खोला गया. हाईवे पर जगह-जगह पर टूट रही पहाड़ी से ट्रैफिक की आवाजाही पर असर पड़ रहा है. पहाड़ों में जारी मूसलाधार बारिश से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. अलग-अलग जगहों पर मानसून आफत बनकर बरस रहा है. केदारनाथ यात्रा मार्ग का भी बुरा हाल है. बांसवाड़ा के समीप लगातार पहाड़ियां जमीन पर आ रही हैं. रास्ता साफ करने के लिए प्रशासन ने सड़क के दोनों तरफ से जेसीबी मशीनें खड़ी की हैं लेकिन इससे भी लोगों को कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. हाल ही में केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा पर मलबे की चपेट में आकर 7 लोगों की मौत हो गई थी. मलबे में 20 लोग दब गए थे जिनमें से 13 को जिंदा बचा लिया गया था. हादसों को देखते हुए बाबा केदार की यात्रा का रूट बदल दिया गया है.
प्रशासन ने केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को बसुकेदार मोटरमार्ग डायवर्जन से डाइवर्ट किया जा रहा है, लेकिन यह मोटरमार्ग भी जानलेवा बना हुआ है. वहीं रुद्रप्रयाग जहां केदारनाथ से मंदाकिनी और बद्रीनाथ से आने वाली अलकनंदा का संगम होता है, वहां के प्रकृति की मार झेल रहे हैं. तमाम घाट पानी में डूब गए हैं. घाटों पर पानी लगभग 20 फीट से ज्यादा ऊपर बह रहा है. दूसरी ओर शिव प्रतिमा, जो नदी से 15 मीटर की दूरी पर बनाई गई है, उसके कंधे तक अलकनंदा नदी का पानी बह रहा है. प्रशासन ने घाटों पर जाने से पूरी तरह से रोक लगा दी है. बता दें मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 19 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
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