मॉस्को-लखनऊ । रूस में व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को छह साल के एक और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद की शपथ ली। दो महीने पहले हुए चुनाव में करीब 77 फीसद वोट पाकर वह चौथी बार राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस के आंद्रेयेवस्की हॉल को पूरी तरह सजाया गया था। पुतिन ने सोने की नक्काशी वाली संविधान की कॉपी हाथ में लेकर रूसी जनता की सेवा, उनके अधिकारों एवं स्वतंत्रता की रक्षा और रूस की संप्रभुता की रक्षा की शपथ ली। उन्होंने कहा, ‘मैं रूस के वर्तमान और भविष्य के लिए सब कुछ संभव करने को अपना कर्तव्य और अपनी जिंदगी का मकसद मानता हूं।’
पुतिन ने ऐसे समय में चौथी बार राष्ट्रपति का पद संभाला है जब रूस का पश्चिमी देशों के साथ टकराव चल रहा है। रूस की अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में है और उनके कार्यकाल की समाप्ति के बाद क्या होगा, इसको लेकर अनिश्चितता है। रूस के संविधान के तहत 2024 में नया कार्यकाल समाप्त होने के बाद पुतिन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
केजीबी अधिकारी से विश्व नेता बने व्लादिमीर पुतिन का रूस पर पूरा दबदबा है। 18 साल पहले सत्ता संभालने वाले पुतिन ने देश में विरोधियों को शांत कर और विदेश मंच पर रूस की खोई ताकत को फिर पुष्ट कर शक्तिशाली पुरुष की छवि बनाई। सात अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) के एक श्रमिक परिवार में उनका जन्म हुआ था। 1985-1990 में ड्रेसडेन में तैनाती के साथ रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी का अधिकारी बनने का बचपन का उनका सपना पूरा हुआ।
अगस्त 1999 में रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया। 1999 के अंत में येल्तसिन के इस्तीफा देने के बाद पुतिन दुनिया के सबसे बड़े देश के राष्ट्रपति बने। 2008 में दूसरा कार्यकाल पूरा होने पर उन्होंने अपने करीबी दिमित्री मेदवेदेव को राष्ट्रपति बनाया और खुद प्रधानमंत्री बन गए। 2012 में भारी विरोध के बीच वह फिर राष्ट्रपति बने। 2024 में नया कार्यकाल पूरा कर पुतिन जोसेफ स्टालिन के बाद रूस में सबसे अधिक समय तक सत्ता में रहने वाले दूसरे नेता बन जाएंगे।
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