लखनऊ : प्रख्यात कथाशिल्पी व मासिक “हंस ” के पूर्व सम्पादक राजेंद्र यादव की चौथी पुण्यतिथि आज लखनऊ के अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान , गोमतीनगर में पूर्वांचल राज्य समिति के आयोजक मण्डल द्वारा ” तेरी – मेरी – उसकी बात “आयोजित की गयी। श्रीमती अन्नपूर्णा यादव , स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने भी उन्हें याद किया और साहित्य के प्रति अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम में वरिष्ठ आलोचक वीरेंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।वीरेंद्र जी ने राजेन्द्र जी के अक्खड़ जीवन के कई वृतान्त और साथ विताये समय के वारे में विस्तार से बताया।उन्होंने बताया कि राजेन्द्र जी एक जगह पर ज्यादा दिनों तक नहीं ठहरते नहीं थे और उनकी सोच समाज के अन्तिम व्यक्ति को आगे लाने की थी। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो सूरज बहादुर थापा ने राजेंद्र यादव से जुड़े कई किस्से सुनाये। उन्होंने जे एन यू में अपने अध्यन के दौरान राजेंद्र यादव की हंस पत्रिका के सम्बन्ध में भी कई बातें कही। प्रो थापा ने बताया कि उन्होंने कैसे दलित साहित्यकारों को प्रोत्साहित किया और उन्हें आगे बढ़ने के मौके दिए। उनकी सम्पादकीय ” काँटे की बात ” पढ़ने को मन बेताब रहता था।
राजेन्द्र यादव जी की अन्तिम सम्पादकीय के कुछ अंश : “जो चीज़ मुझे परेशान करती है वह है जरूरत की हर आधारभूत चीजों की बढ़ती कीमतों का सिलसिला ” . ” एक तरफ इतनी गरीबी है तो एक छोटे वर्ग को इतना सम्पन्न और विलासी क्यों बनाये जा रहे हो ? शर्म आती है कि हमने तो जैसे – तैसे रो पीटकर जिंदगी बिता ली मगर आने वाली पीढ़ी के लिए कौन सा नरक छोड़े जा रहे हैं। शायद यही विकल्पहीनता है जो आदिवासियों को नक्सल बनने की तरफ धकेलती है। ”
कार्यक्रम में कथाकार शिवमूर्ति सिंह जी ने भी राजेन्द्र जी से सम्बन्धित कई बातों का जिक्र किया , उन्होंने बताया कि मुंशी प्रेम चन्द्र की बन्द हो चुकी पत्रिका “हंस ” को उन्होंने पुनः प्रारम्भ कर नई उचाइयाँ दीं। इसी कड़ी में श्रीमती किरन सिंह [ उच्च न्याया ] ने भी राजेन्द्र जी के अनुरूप दलित एवं स्त्री विमर्श पर अपने विचार रखे। श्री शिवलाल यादव , योगेन्द्र यादव [ फर्रुखाबाद ] , डॉ राजेश [ वाराणसी ] , रामाश्रय सिंह , तनुज पाण्डेय , पत्रकार जयप्रकाश यादव आदि वक्ताओं ने भी राजेन्द्र जी के विमर्श पर अपने विचार रखे।
अन्त में अध्यक्ष पूर्वांचल राज्य समिति ज्ञान प्रकाश यादव जी ने राजेंद्र यादव जी को याद करते हुए अपनी बात रखी और आये हुए सभी अतिथियों को आयोजक मण्डल की ओर से धन्यबाद दिया। आयोजक मण्डल के डॉ जयशंकर जी ” जय ” , श्याम लाल यादव , गुलाब चौहान ,श्रीमती पुष्पा चौधरी , आरती सिंह , के के यादव , सतीश चन्द्र यादव , सुश्री हर्षा यादव , राजेन्द्र मिश्रा , शंकर चौहान , अरविन्द गीता देवी , रामनिहोर , ओमवती लोधी , सुशील सक्सेना , इलियास अन्सारी , नदीम राइनी व फ़तेह बहादुर ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया।