इटावा। आठ दिन पहले सड़क दुर्घटना में घायल हुए युवक ने इलाज के दौरान जयपुर राजस्थान में दम तोड़ दिया। इसमें नया मोड़ तब आया जब गांव के कुछ लोगों द्वारा गुमराह किए जाने पर परिजनों ने दुर्घटना को हत्या से जोड़ते हुए आरोप लगा दिया। इससे सिविल लाइन पुलिस हरकत में आ गई। जांच में मामला दुर्घटना का ही पाए जाने पर मृतक के परिजनों ने गुमराह होना कबूल करते हुए हत्या के आरोप को वापस ले लिया। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गांव कांधनी का है। यहां का 22 वर्शीय अनिल पुत्र अवधेश 12 मई को बाइक से कचौराघाट रोड पर निकला था। तभी साईं मंदिर के पास कार की टक्कर से गंभीर घायल हो गया था।
तब उसको परिजन यूएमएस सैफई ले गये थे। वहां से उसको जयपुर राजस्थान के लिए रेफर करा ले गये थे। दुर्घटना के आठवें दिन वहां अनिल ने दम तोड़ दिया तो परिजन उसके शव को घर ले आए। सोमवार की सुबह दुर्घटना में नया मोड़ तब आया जब मृतक के चाचा का जिक्र करते हुए गांव के एक युवक ने बताया कि वह चाचा की जानकारी में अनिल को ले गया था और रास्ते में दुर्घटना हो गई। दुर्घटना को लेकर चाचा पर शक तब हुआ जब करीब एक साल पहले शादी कार्यक्रम में अवधेश से उसकी किसी बात पर झगड़े की बात सामने आई।
उस झगड़े की याद ताजा होने के साथ ही परिजनों ने चाचा पर हत्या की साजिश का आरोप मढ़ दिया। हालांकि वह मौके पर लाख सफाई देते रहे। सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक मदन गोपाल गुप्ता ने बताया कि उनको 12 मई को दुर्घटना की सूचना मिली थी। उसके बाद से न तो मृत्यु की जानकारी दी गई और न ही इस संबंध में तहरीर मिली। जब हत्या का आरोप का मामला संज्ञान में आया तो वह गांव पहुंचे और परिजनों, गांव वालों से बात की। तब परिजनों ने हत्या के आरोप को लेकर गुमराह होने और इस आरोप को सिरे से खारिज करने की बात कही।
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