औरैया। रविवार की रात शरदोत्सव प्रदर्शनी में कुल हिंद मुशायरा का आयोजन हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ एसडीएम अजीतमल एवं पाल का प्रतिनिधि लाल जी शुक्ला ने किया कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपनी नज्में पढी। इस मौके पर कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रामजी शुक्ला ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की भावना को बल मिलता है। साथ ही गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि औरैया जिले में सदैव ही जहां कवि सम्मेलन को पूरी संजीदगी से सुना जाता है तो वहीं कुलहिंद मुशायरा को भी पूरे सम्मान और शिद्दत से लोगों के पसंदीदा कार्यक्रम में गिना जाता है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजनों से आपसी समन्वय स्थापित होता है। इससे पहले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम अजीतमल राशिद अली खान ने सबसे पहले कौमी एकता की शमां रोशन कर मुशायरा शुरू करने का ऐलान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लालजी शुक्ल ने कहा कि मुशायरे का मंच ऐसा होता है, जहां किताबों की जरुरत नहीं पड़ती। इस तरह के मंच समाज को संस्कारों की शिक्षा देते हैं। मुशायरे का आगाज अज्म शकिरी की नाते पाक से हुआ। निजामत कर रहे नदीम फार्रुख के शेर जब से मेरे उरूज की उसको खबर मिली सुनते हैं उसका जहनी तवज्जुन बदल गया सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाई। हाशिम फिरोजाबादी के कलाम सड़क पर आ गए पर्दा नशीं फरिश्ता भी कमान उनकी खुदा ने संभाल रखी है सुनाते हुए शाहीन बाग के आईने में देश के हालात प्रस्तुत किए । नज्में हसन प्रतापगढ़ी का शेर मुल्क पर जान लुटाने की खातिर हम हथेली पर जान रखते हैं को भी लोगों ने बहुत सराहा। सिकंदर हयात गड़बड़ ने तंजोमिज़ा की शायरी की, आदिल भुसावल के कलाम आंख सबसे लड़ाना बुरी बात है जी हमारा जलाना बुरी बात है पर जमकर वाहवाही मिली। जुबेर अली ताबिश के सूफियाना शेर वो जिसने आंख अता की है देखने के लिए उसी को छोड़कर सब कुछ दिखाई देता है ने श्रोताओं को भी विभोर कर दिया। शायरा अना देहलवी के कलाम मुझे मुल्क से मोहब्बत है इतनी मैं तिरंगे के लिए जान भी दे सकती हूं पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। सुफियान प्रतापगढ़ी आदिल रशीद आदि शायरों ने भी अपने अपने कलाम पेश किए। शहर के शायर अजय अंजाम ने फजाओं में मोहब्बत घोलने लगती है वो लड़की कि जब तेरी जुबां को खोलने लगती है वो लड़की बहुत गुस्से में वो अवधी में मुझसे बात करती है मगर खुश होकर उर्दू बोलने लगती है वो लड़की सुनाकर सभी का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम संयोजक सैयद मोहम्मद मियां, छैया त्रिपाठी पंकज मिश्रा, शहर काजी कारी आरिफ रहमानी, खुर्रम ताज आदि समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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