
अशोक यादव, लखनऊ: कोविड-19 से निपटने के लिए किए गए 21 दिनों के लाॅकडाउन के दौरान जनता को राहत देने के लिए आज गुरुवार को केन्द्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने देश भर के गरीब व कमजोर तबके के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इन निर्णयों की जानकारी दी। महामारी से ठप हो चुकी अर्थव्यवस्था के बीच सरकार ने इस पैकेज का ऐलान अन्न, धन और फंड को ध्यान में रखकर किया है।
सम्पूर्ण लाॅकडाएन के करीब 36 घण्टे बाद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों, विधवा, दिव्यांग और बुजुर्ग वर्ग को राहत दी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों, दिहाड़ी मजदूरों को इससे राहत दी जाएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों और मजदूरों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर होगा और लोगों को खाद्य सुरक्षा दी जाएगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ पात्रों को अब से अगले तीन महीने तक हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो दाल मुफ्त में दी जाएगी। जनता को यह राशन पीडीएस के माध्यम से मिलेगा। सरकार का प्रयास है कि इस मुश्किल वक्त में कोई भी गरीब भूखा न सोए।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण धन योजना
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत उज्जवला योजना की 8 करोड़ महिला लाभर्थियों को तीन महीने तक मुफ्त गैस सिलिंडर दिए जाएंगे। साथ ही जनधन खाता धारक महिलाओं को तीन महीने तक 500-500 रुपए दिए जाएंगे।
इसका लाभ देश भर में करीब 20 करोड. महिलाओं को मिलेगा। इसके अतिरिक्त महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 20 लाख तक लोन दिया जाएगा। पहले यह 10 लाख ही था।
मनरेगा मजदूरों को राहत देते हुए सरकार ने उनकी मजदूरी बढ़ा दी है। मनरेगा मजदूरों को अब 182 के बजाय 202 रुपए दिहाड़ी मिलेगी। इसका फायदा 5 करोड़ मजदूर परिवारों को होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में देश के करीब 9 करोड़ किसानों के खातों में पहली किश्त डाल दी जाएगी।
गरीब बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों के खाते में अगले तीन महीने तक 1000-1000 रुपए अलग से दिए जाएंगे। यह दो किश्तों में डीबीटी के माध्यम से भेजे जाएंगे।
कर्मचारियों का पीएफ अगले 3 माह तक भरेगी सरकार
15 हजार से कम आय वालों का ईपीएफ अगले तीन माह तक सरकार देगी। वित्त मंत्री ने बताया कि तीन महीने तक नियोक्ता या कर्मचारी की ओर से सरकार ईपीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन देगी। यानि की ईपीएफ में सरकार कुल 24 प्रतिशत का योगदान देगी। इसका लाभ ऐसे संस्थानों को मिलेगा जहां 100 कर्मचारी तक कार्य कर रहे हैं। इससे 80 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 4 लाख से ज्यादा संस्थानों को फायदा होगा।
निर्माण श्रमिकों के लिए 31,000 करोड़ का फंड
वित्त मंत्री ने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा परेशान निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को उठानी पड. रही है। इन मजदूरों को सरकार वेलफेयर फंड से मदद देगी। देश भर के 3.5 करोड़ पंजीकृत मजदूरों के लिए 31,000 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है। राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना से पैदा हुए व्यवधान से इस फंड का इस्तेमाल इन कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के हित के लिए किया जाए।
पीएफ रकम निकालना हुआ आसान
इसके अलावा सरकार ने पीएफ रकम निकालन की शर्तों को भी आसान कर दिया है। अब कर्मचारी 3 महीने का वेतन या 75 फीसदी रकम, अपने पीएफ खाते से निकाल सकेंगे। इससे 4.8 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
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