
अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने पावर एक्सचेंज पर अधिकतम 12 रूपये प्रति यूनिट से ज्यादा दर पर बिजली बेचने पर रोक लगा दी है।
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने शनिवार को बताया कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर 12 रूपये प्रति यूनिट की सीलिंग कानून बनने के बाद भी 17 रूपये प्रति यूनिट तक बिजली बेचने के मामले में केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग ने बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब पावर एक्सचेंज पर अधिकतम 12 रूपये प्रति यूनिट के ऊपर कोई भी जनरेटर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम ) व टर्म अहेड मार्केट(टी0ए0एम) पर बिजली नहीं बेच पायेगा ।
उन्होंने बताया कि केंद्र ऊर्जा मंत्रालय की संस्तुति के बाद केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा 1 अप्रैल को पूरे देश में पावर एक्सचेंज पर डेहेड मार्केट (डीएएम)व रियल टाइम मार्केट(आरटीएम ) पर अधिकतम 12 रूपये प्रति यूनिट के ऊपर बिजली बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था ।
निजी घरानों में हडकंप मच गया
इसके बावजूद पावर एक्सचेंज की टर्म अहेड मार्केट(टीएएम) के अंतर्गत 13 रूपये प्रति यूनिट से लेकर 17 रूपये प्रति यूनिट तक बिजली बेची जा रही थी जिसका खुलासा उपभोक्ता परिषद द्वारा करने के तुरंत बाद देश के निजी घरानों में हडकंप मच गया।
उपभोक्ता परिषद ने इसकी शिकायत केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार व केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग सहित राज्य विद्युत नियामक आयोग से करते हुए कानून के उल्लंघन पर अबिलम्ब प्रतिबंध लगाने की मांग की और यह मांग उठाई कि इस भीषण बिजली संकट के दौर में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर आपदा में अवसर तलाशते हुए अधिकतम 17 रूपये प्रति यूनिट की बिजली बेची जा रही है।
केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने भरोसा दिया कि जल्द ही सख्त कदम उठाया जाएगा। खुलासा होने के बाद पावर कार्पोरेशन भी उपभोक्ता परिषद् के सपोर्ट में उतर आया था और चेयरमैन एम देवराज ने इस सिलसिले में केन्द्र सरकार को पत्र भेजा गया था।
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