
मनोज श्रीवास्तव, लखनऊ / अयोध्या : हीट स्ट्रोक की चेतावनी के बीच एक तरफ जहां आम आदमी का जीवन खतरे में है वहीं अयोध्या लोकसभा सीट पर भाजपा को मिली हार की कीमत भोले-भाले श्रद्धालुओं को चुकानी पड़ रही है। अधिकतम 44-46 डिग्री सेल्सियस की चिलचिलाती धूप में श्रद्धालु मंदिरों में लंबी-लंबी कतार लगा कर भगवान की एक झलक प्राप्त करने के लिये तबाह हुए जा रहे हैं। स्थानीय नगर निगम के अधिकारी, अयोध्या प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़े लोग श्रद्धालुओं की समस्याओं से मुंह फेर लिये हैं। शनिवार दोपहर में मैंने अयोध्या के हनुमानगढ़ी में दर्शन करने आये श्रद्धालुओं की समस्याओं की ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट तैयार की। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार राम मंदिर के उद्घाटन के समय प्रशानिक अधिकारी अपने निजी हित मे अनावश्यक बेरिकेडिंग लगवा दिये। जिसके कारण श्रद्धालुओं की परेशानी और बढ़ गयी। उनके अनुसार हिंदूवादी सरकार का तमगा चिपकाये अफसरों ने धरातल पर स्थानीय जनमानस से लेकर देश-विदेश से आने वाले भक्तों को, सबको तबाह किया है। खतरनाक गर्मी में हीट स्ट्रोक का अलर्ट जारी है। तेज धूप में बड़ी-बड़ी लाइन लगा कर श्रद्धालु हाय-हाय कर रहे हैं। उनको धूप से बचाने के लिये न पर्याप्त टेंट की व्यवस्था है और न जल की कोई उचित व्यवस्था की गई है। भाजपा को अयोध्या लोकसभा सीट पर मिली पराजय से पीड़ित भारी संख्या में आने वाले भी अयोध्या प्रशासन की आलोचना कर रहे हैं। महाराष्ट्र-गुजरात से आये श्रद्धालुओं के समूह ने कहा कि यहां जमीन पर मैट डाल दिया जाय तो लोगों के पैर नहीं जलेंगे। जमीन गरम होने के कारण नंगे पांव दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के पैर में छाले पड़ जा रहे हैं।प्रतिदिन गर्मी से गश खाकर गिरने वालों श्रद्धालुओं की संख्या भी कम नहीं है।

अमेरिका में व्यवसाय करने वाले राकेश कुमार ने कहा कि यदि सरकार अपने स्तर पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा देकर दुनिया भर में अपनी किरकिरी न करवाना चाहती हो, तो निजी और स्वयं सहायता समूहों को यह सेवा का कार्य सौंप दे।यहां ऊपर से टीन शेड या टेंट और नीचे दरी आदि की व्यवस्था नहीं होने के कारण बूढ़े, बच्चे और महिलाएं रो दे रही हैं। यहां की कुव्यवस्था के कारण यूपी सरकार और भारत सरकार की बहुत आलोचना हो रही है। उन्होंने चुटकी लेते हुये कहा कि “जो राम को लाये हैं का दावा कर रहे थे वह रामभक्तों को सता रहे हैं”। इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम होगी।
इस संदर्भ में जब मैंने स्थानीय प्रशासन से बात करना चाही तो डीएम के नम्बर पर उनके सहयोगी बता कर मोबाइल उठाने वाले सज्जन ने पूरा विषय सुनने के बाद कहा कि डीएम साहब से अभी बात संभव नहीं है। एडीएम सिटी से बात कर लीजिये। एडीएम सिटी ने न मोबाइल उठाया न मैसेज का उत्तर दिया। आयुक्त गौरव दयाल ने मोबाइल उठाने के बाद बताया कि पानी की व्यवस्था के लिये पिकेट लगे हैं। लेकिन तपती धूप में नंगे पांव जलने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के संदर्भ में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिये। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या के प्रभारी मंत्री बनाये गये कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से जब बात करने की कोशिश की गई तो उनके सहयोगी ने कहा गाड़ी में बैठने वाले हैं 5 मिनट में बात करता हूँ। लेकिन 10 मिनट बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।