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राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व विपक्ष के बगैर पीएम मोदी ने नई संसद का उद्घाटन कर तानाशाह बनने के संकेत दिए

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 मई) की सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया. 21 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अपमान का हवाला देते हुए इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया.

मोदी स्वयं को भारत के तानाशाह के रूप में प्रतिस्थापित करते हुए

रविवार सुबह हुए इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ ही राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद नहीं थे. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इन दोनों को छोड़ दिया गया क्योंकि मोदी नए संसद भवन की तख्ती पर बस अपना नाम देखना चाहते थे.

लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के सभापति भी फोटो फ्रेम में नहीं

मोदी सुबह 7:30 बजे के करीब संसद भवन पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यहां हवन और पूजा की. पूजा के बाद प्रधानमंत्री ने अधीनम संतों द्वारा सौंपे गए ‘सेंगोल’ के सामने दंडवत किया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ नई संसद में इसे स्थापित किया

स्वयं को राजा / तानाशाह समझते हुए संसद के अंदर कथित हिन्दू धार्मिक भक्तों के साथ

‘सेंगोल’ को लेकर खासा विवाद हुआ है, जहां इतिहासकारों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के इस दावे- कि यह सेंगोल आज़ादी के समय सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक था, इसका कोई साबुत नहीं है

रविवार को सेंगोल को स्थापित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन के निर्माण करने वाले श्रमजीवियों के एक समूह को सम्मानित किया. इसके बाद विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों द्वारा सर्व-धर्म प्रार्थना की गई.

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