
लखनऊ:
राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र स्थित उजरियांव में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शुरु हुए विरोध प्रदर्शन को बुधवार यानी की आज एक महीना पूरा हो गया।
बीते जनवरी महीने की 19 तारीख को 40- 50 की संख्या में महिलाएं शाहीन बाग व घंटाघर में सीएए के विरोध में शुरू हुए धरने को देखते हुए उजरियांव गांव में भी धरने पर बैठ गई थीं।
उस समय शायद किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह आंदोलन इतना बड़ा आकार ले लगा। उजरियांव में प्रदर्शन का एक महीना पूरा होने पर विशेष कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है।
बता दें कि उजरियांव का धरना 19 जनवरी शाम 6 बजे करीब 50 महिलाओं से शुरू ही हुआ था कि धरने स्थल पर पुलिस आ गई। जिसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठी हुई महिलाओं को धमकाते हुए कहा कि आप लोग यहां धरना नहीं दें सकती हैं।
यह कहते हुए धरने स्थल पर लगे टेंट, कम्बल,दरी, चेयर, पोस्टर को पुलिस थाने उठा ले गई। 19 जनवरी के ठिठुरती सर्द रात में भी उजरियांव की महिलाओं ने हार न मानी वो धरने पर बैठी रही है। धरने के दूसरे दिन से महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी और अब महिला संघर्ष के एक माह भी पूरा हो गया।
आंदोलन के एक माह पूरे होने पर अब नया नारा दिया गया है. ये है – “महिलाओं संघर्ष के एक माह, आओ संघर्ष के साथ चलें।” तीस दिन पूरे होने पर उजरियांव पर कई लोगों के संबोधन के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें संगीत, कला, मुशायरा और चर्चित वक्ता गण अपनी बात रखेंगे।
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