नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह 12 दिनों के भीतर फैसला करेंगे कि अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से अलग होगा या नहीं।
ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उन दावों के बाद यह बयान दिया है, जिसमें नेतन्याहू ने ईरान पर आरोप लगाया है कि
तेहरान ने दुनिया की नजरों से छिपकर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की। सीबीएस न्यूज के मुताबिक, नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि उनके पास ईरान के खुफिया परमाणु हथियार कार्यक्रम को लेकर साक्ष्य हैं।
व्हाइट हाउस का आरोप है कि ईरान के पास एक संगठित और गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम है जिसे उसने दुनिया और अपने लोगों से छुपाने का पूरा प्रयास किया , लेकिन असफल रहा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स का कहना है कि मिसाइल के जरिए इस्तेमाल किये जा सकने वाले परमाणु हथियार विकसित करने के ईरान के प्रयासों के संबंध में इस्रा इल ने हाल ही में सूचना दी है। सैंडर्स का कहना है कि इस संबंध में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत भी हुई है।
नेतन्याहू का कहना है कि उनके पास इसका पुख्ता सबूत है कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में झूठ बोला है। सैंडर्स ने कह कि यह तथ्य अमेरिका के पास लंबे समय से उपलब्ध सूचनाओं के मेल खाते हैं। ईरान के पास एक संगठित और गोपनीय परमाणु हथियार कार्यक्रम है , लेकिन वह उसे दुनिया और अपने लोगों से छुपाने में नाकाम रहा है।
इजरायली प्रधानमंत्री ने ट्रंप को 2015 के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के लिए ठोस वजह दे दी है। इस समझौते के तहत ईरान खुद पर लगाए गए प्रतिबंधों के बदले में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को बंद करने पर सहमत हो गया था लेकिन नेतन्याहू का कहना है कि ईरान ने असल में अपना परमाणु कार्यक्रम रोका ही नहीं। नेतन्याहू ने कहा, “मैं आपको एक बात बताने आया हूं। ईरान ने झूठ बोला है।”