
अशाेक यादव, लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भाषणों में उनका कृतित्व, व्यक्तित्व और जीवन मूल्य पूरी तरह झलकते हैं। राजनाथ सिंह ने गुरूवार को राष्ट्रपति के प्रमुख भाषणों के संग्रह ‘लोकतन्त्र के स्वर’ तथा ‘द रिपब्लिकन एथिक्स’ का विमोचन करते हुए यह बात कही।
राजनाथ सिंह ने कहा , “ये ‘लोकतन्त्र के स्वर’ राष्ट्रपति महोदय के अन्तर्मन के स्वर भी हैं। मेरी दृष्टि में राष्ट्रपति महोदय के भाषणों का यह संकलन उनके कृतित्व, व्यक्तित्व और जीवन मूल्यों का शब्द-चित्र प्रस्तुत करता है।”
उन्होंने कहा कि इन भाषणों में संवेदनशील व आदर्शवादी जनसेवक, एक न्यायप्रिय व्यक्ति तथा नैतिकता पर आधारित जीवन जीने वाले व्यक्ति की प्राथमिकताएं दिखाई देती हैं। वह जन सेवा को परम धर्म मानते हैं, यह उनके अनेक भाषणों में स्पष्ट होता है। उनके सम्बोधन इसलिए अधिक असर डालते हैं कि वे जीवन मूल्य उनके निजी जीवन का हिस्सा हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि रामनाथ कोविंद समूचे विश्व को एक परिवार के रूप में देखते हैं और उनके संबोधनों में प्राय: ‘वसुधेव कुटुम्बकम’ और ‘सर्वे भवंतु सुखिन:’ के आदर्श का उल्लेख मिलता है।
न्याय व्यवस्था के प्रति राष्ट्रपति के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदय ने जन-सामान्य को न्याय सुलभ कराने के लिए अनवरत प्रयास किए थे। न्याय-व्यवस्था में सुधार हेतु उनके सुझावों के कारण अब उच्चतम न्यायालय तथा अनेक उच्च न्यायालयों द्वारा हिन्दी व स्थानीय भाषाओं में भी निर्णयों की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जा रही है।
सेनाओं के प्रति राष्ट्रपति के स्नेह का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर होने के नाते वे जवानों से मिलने सियाचिन जैसे इलाक़ों में भी गए हैं जो सेनाओं के प्रति उनके मन में स्नेह और सम्मान का प्रतीक है।
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