
अशाेक यादव, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए। चीन से चल रहे विवाद के बीच यह पहला मौका है कि जब पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आमना सामना हुआ।
वहीं, इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे। समिट की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की।
-पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 years पूरे किए हैं। लेकिन अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है। महामारी की आर्थिक और सामाजिक पीड़ा से जूझ रहे विश्व की अपेक्षा है कि UN की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आए।
उन्होंने कहा कि भारत का शांति, सुरक्षा और समृद्धि पर दृढ़ विश्वास है। और हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्डरिंग के विरोध में आवाज उठाई है। भारत SCO Charter में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार SCO के तहत काम करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहा है।
-प्रधानमंत्री ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एससीओ एजेंडा में बार-बार अनावश्यक रूप से द्विपक्षीय मुद्दों को लाने के प्रयास हो रहे, यह एससीओ चार्टर और शंघाई स्पिरिट का उल्लंघन करते हैं। दरअसल, पाकिस्तान समिट में पहले भी कश्मीर का मुद्दा उठा चुका है।
गौरतलब है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद दोनों देशों में विवाद चरम पर है। जिसके बाद भारत-चीन की कई दौर की विफल सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के बीच यह बैठक अहम मानी जा रही है।
इस बैठक में सभी सदस्य देश सुरक्षा, आतंकरोधी कार्रवाई, आर्थिक, मानवीय सहयोग महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। यहां अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व की स्थिति पर खास फोकस रहेगा। सदस्य देश शिक्षा, विज्ञान, सांस्कृतिक और पर्यटन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बात करेंगे। इस दौरान 2021 को एससीओ देशों का सांस्कृतिक वर्ष घोषित किया जा सकता है।
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