अशाेेेक यादव, लखनऊ। कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों का मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश में यूपी पुलिस रातभर छापेमारी करती रही लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। पुलिस की करीब बीस टीमें अलग अलग जिलों में विकास दुबे की तलाश में दबिश देता रही।
ये वो जगहें थी जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं। पुलिस ने इस मामले में 12 और लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है। वहीं सूत्रों के अनुसार पुलिस का दरोगा ही विकास दुबे का मुखबिर निकला है। जिसने विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना पहले ही दे दी थी।
सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की बातचीत हुई थी। वहीं हैरानी की बात यह है कि विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जो हैरान करने वाले है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी।
इस वक्त पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है। तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। थानाक्षेत्र के दरोगा पर इस बात से और भी शंका बढ़ गई है।
बिकरू गांव चौबेपुर थानाक्षेत्र में आता है। जब दबिश दी गई तो बाकी थानों की फोर्स एसओ और सीओ आगे बढ़ गए मगर एसओ चौबेपुर विनय तिवारी जेसीबी के पीछे रहे। जबकि थानाक्षेत्र उनका था। इलाके में लगाए गए बीट कांस्टेबल उन्हें रिपोर्ट करते थे।
गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी थी। उसके बाद भी वह आगे नहीं बढ़े। इसी मामले में एसटीएफ के अधिकारियों ने एसओ चौबेपुर से भी पूछताछ कर रही है। डीजीपी का कहना है कि इस बिन्दु पर भी पूरी गम्भीरता के साथ जांच कराई जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जमीन के एक मामले में जादेपुर गस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने चौबेपुर पुलिस से शिकायत करते हुए तहरीर दी थी। जिसके बाद बुधवार को एसओ चौबेपुर विनय तिवारी विकास दुबे से मिलने उसके घर गए थे। एसओ ने उससे पूछताछ की।
जिसके चलते दोनों के बीच झड़प हुई। विकास और एसओ के बीच हाथापाई भी हो गई थी। जिसके बाद पुलिस लौट आई। गुरुवार को पुलिस ने राहुल तिवारी द्वारा दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद विकास को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में दबिश के लिए ऑपरेशन तैयार किया गया।
घटना का सबसे बड़ा पहलू ही यही है कि पुलिस की दबिश से लेकर उसके मूवमेंट तक के पल-पल की खबर विकास दुबे और उसके गिरोह के पास पहुंच रही थी। पुलिस से ज्यादा तगड़ा नेटववर्क अपराधी का निकला। बता दें कि कानपुर से सटे बिकरु गांव में गुरुवार रात पुलिस और विकास दुबे गिरोह के बीच हुए खूनी मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस मुठभेड़ में गिरोह के दो हमलावर भी मारे गए हैं।