
अशाेेेक यादव, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मोड़ बताते हुए गुरुवार को कहा कि इससे जो चुनौतियां सामने आई हैं उन्हें अवसर में बदलकर देश को नई बुलंदियों पर ले जाना है।
मोदी ने आज भारतीय उद्योग मंडल की 95 वीं आम बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में देश कोरोना संकट के साथ ही कई अन्य चुनौतियों से भी निपट रहा है।
उन्होंने कहा ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1925 में अपने गठन के बाद से आईसीसी ने आज़ादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है। अब इस बार की यह बैठक एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
मोदी ने कहा, “ हर वह चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर है, वह भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।”
उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के लिए जिस क्लस्टर आधारित सोच को अब देश में बढ़ावा दिया जा रहा है, उसमें भी सभी के लिए अवसर ही अवसर है। जिन जिलों, जिन ब्लॉक्स में जो पैदा होता है, वहीं आसपास इनसे जुड़े क्लस्टर विकसित किए जाएंगें।
मोदी ने कहा किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब देश के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है।
उन्होंने कहा कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में देश की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है और इसी सबक से निकला है, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’।
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